वासुकि कालसर्प दोष क्या है?
वासुकि कालसर्प दोष ज्योतिषीय दोषों में से एक है, जो व्यक्ति के जीवन में बाधाओं, मानसिक तनाव, और असफलताओं का कारण बनता है। यह दोष तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह स्थित होते हैं और राहु तीसरे भाव में और केतु नवें भाव में स्थित होते हैं।
यह दोष व्यक्ति के जीवन मे भाई-बहनों, और धर्म-कर्म से जुड़े क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। वासुकि नाग के नाम पर इस दोष का नामकरण किया गया है, जो भारतीय पौराणिक कथाओं में शिव के परम भक्त और महान नाग माने जाते हैं।
वासुकि कालसर्प दोष के प्रभाव
वासुकि कालसर्प दोष का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह दोष भाई-बहनों के संबंध, धर्म, और भाग्य से जुड़े क्षेत्रों में बाधाएं उत्पन्न करता है। नीचे इसके मुख्य प्रभावों को विस्तार से बताया गया है :-
- इस दोष के कारण भाई-बहनों के साथ रिश्ते में तनाव और झगड़े हो सकते हैं। तथा परिवार के सदस्यों के बीच बार-बार विवाद होते हैं, जिससे घर का माहौल नकारात्मक बन जाता है।
- इस दोष के कारण व्यक्ति के साहस और आत्मविश्वास में कमी आती है। निर्णय लेने में कठिनाई होती है, जिससे करियर और व्यक्तिगत जीवन में बाधाएं उत्पन्न होती हैं
- अनंत कालसर्प दोष के प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन में आर्थिक अस्थिरता और कर्ज की समस्या से जूझता रहता है। धन अर्जन में बाधाएं आती हैं तथा निवेश में नुकसान और व्यापार में अस्थिरता का सामना करना पड़ता है।
- व्यक्ति के जीवन मे इस दोष के प्रभाव से मानसिक तनाव और अवसाद बढ़ सकता है। बार-बार नकारात्मक विचार मन में आते हैं।
- इस दोष के कारण शारीरिक स्वास्थ्य कमजोर होता है, और बीमारियां बार-बार परेशान कर सकती हैं।
- अनंत कालसर्प दोष के कारण नौकरी में अस्थिरता और प्रमोशन में देरी होती है। टीमवर्क में समस्याएं आती हैं, जिससे कार्यक्षेत्र में प्रतिष्ठा प्रभावित होती है।
- यह दोष कई प्रकार की परेशनीयां उत्पन्न कर सकता है जैसे -आध्यात्मिक उन्नति में रुकावटें आती हैं और धार्मिक कार्यों में सफलता प्राप्त नहीं होती।
अनंत कालसर्प दोष के उपाय
अनंत कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को जीवन में मानसिक तनाव, असफलता, और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके प्रभाव को कम करने और जीवन में शांति और सफलता प्राप्त करने के लिए कई ज्योतिषीय उपाय और धार्मिक अनुष्ठान अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं। यहां कुछ प्रभावी उपाय बताए गए हैं जो निम्नलिखित है :-
- नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करें। दूध और फूल चढ़ाकर नाग देवता से क्षमा याचना और आशीर्वाद की प्रार्थना करें। पूजा के बाद चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को मंदिर में अर्पित करें।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए अत्यंत प्रभावी उपाय है :
ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्। - भगवान शिव का जल, दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, और चावल चढ़ाएं। रुद्राभिषेक के दौरान “ऊं नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें।
- मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है। हनुमान मंदिर में जाकर नारियल, फूल, और प्रसाद अर्पित करें। हनुमान जी की कृपा से राहु और केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
- ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा दें। चांदी के नाग-नागिन के जोड़े का दान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
- पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करें, जिससे राहु और केतु के प्रभाव को शांत किया जा सकता है।
- नियमित रूप से हनुमान अष्टक, दुर्गा चालीसा, या नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें और नियमित रूप से दीपक जलाएं।
अनंत कालसर्प दोष निवारण पूजा
ज्योतिष शास्त्रों मे अनंत कालसर्प दोष निवारण पूजा एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है, जिसका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति की कुंडली में उपस्थित अनंत कालसर्प दोष के दुष्प्रभावों को शांत करना और जीवन में शांति, सफलता, और समृद्धि लाना है। इस पूजा को ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे विशेष पवित्र स्थलों पर संपन्न करना शुभ माना जाता है।
अनंत कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, आर्थिक अस्थिरता, और असफलताओं का सामना करना पड़ता है। इस पूजा के माध्यम से :-
- राहु और केतु के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं।
- ग्रहों की स्थिति से उत्पन्न दोष का निवारण होता है।
- जीवन में सुख, शांति, और सकारात्मकता आती है।
- भगवान शिव और नाग देवता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अनंत कालसर्प दोष पूजा कैसे बुक करें ?
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