उज्जैन के 21 वर्षो के अधिक अनुभवी पंडित सुरेश शर्मा जी के साथ कालसर्प दोष निवारण पूजा सम्पन्न कराये और जीवन मे व्यापार, रिश्तो से संबन्धित परेशानियो से मुक्ति पाये। वैदिक पद्धति से पूजा सम्पन्न कराने हेतु अभी पंडित जी से संपर्क करे और कालसर्प पूजा खर्च, प्रक्रिया, समय व स्थान के बारे मे पूरी जानकारी ले।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के सभी गृह राहू एवं केतू के बीच मे आ जाते है तो कालसर्प दोष होता है। व्यक्ति के पिछले जन्म के पाप या श्राप के परिणामस्वरूप व्यक्ति की कुंडली मे कालसर्प दोष होता है। कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को किसी भी काम मे सफलता नहीं मिलती है। वह चाहे कितना ही परिश्रम करे या कितनी ही मेहनत कर ले उसे या तो सफलता मिलती ही नहीं है या सफलता मिलने मे बहुत अधिक समय लगता है, संतान होती ही नहीं है या दुर्बल होती है, वह चारो ओर से रोगो से घिरा रहता है।
किसी भी व्यक्ति की कुंडली मे कालसर्प दोष कम से कम 42 वर्षो तक रहता है, और इसका समय पर निवारण न किया जाए तो ये जातक का मरते दम तक पीछा नहीं छोड़ता है।
कालसर्प दोष के लक्षण निम्नलिखित है,
कालसर्प दोष के कई प्रकार है, प्रत्येक कालसर्प का अपना एक अलग प्रभाव होता है।
कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के उपाय निम्न है,
उपाय दिए गए उपायो की मदद से आप सिर्फ कालसर्प दोष के प्रभावों को काम कर सकते है।
कालसर्प दोष को दूर करने का 1 रामबाण उपाय सिर्फ कालसर्प दोष निवारण पूजा ही है और आप कालसर्प दोष पूजा की मदद से कुंडली मे से कालसर्प दोष को हमेशा हमेशा के लिए दूर कर सकते है। ज्योतिषियो के अनुसार कालसर्प दोष पूजा ही एकमात्र ऐसा उपाय है जिसकी मदद से कालसर्प दोष को जड़ से खत्म किया हा सकता है।
कालसर्प दोष पूजा, ज्योतिष शास्त्र में बताए गए कालसर्प दोष के निवारण के लिए की जाने वाली एक विशेष पूजा है। कालसर्प दोष पूजा में, भगवान शिव और नाग देवताओं की पूजा की जाती है। पूजा का उद्देश्य ग्रहों की शांति करना और कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करना होता है।
कालसर्प दोष निवारण पूजा के फायदे कुछ इस प्रकार है,
ॐ क्रौं नमो अस्तु सर्पेभ्यो कालसर्प शांति कुरु कुरु स्वाहा || सर्प मंत्र ||
ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नम: ||
“ॐ क्लीम आस्तिकम् मुनिराजम नमोनमः” !!
।।ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:।।
।। ऊँ स्त्रां स्त्रीं स्त्रों सः केतवे नमः।।
उज्जैन मे पूजा के अनुसार कालसर्प दोष पूजा का शुल्क अलग अलग आता है।
निम्नलिखित चार्ट 2025 में कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दर्शाता है। ये तिथियां त्र्यंबकेश्वर (नासिक) और उज्जैन के ज्योतिषीय कैलेंडर पर आधारित हैं। पूजा के लिए नाग पंचमी (29 जुलाई 2025) सबसे शुभ दिन माना जाता है, लेकिन अन्य तिथियां भी उपयुक्त हैं। पूजा से पहले अपने ज्योतिषी से सलाह लें।
महीना | शुभ तिथियां |
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जनवरी 2025 | 1, 2, 3, 6, 7, 8, 11, 13, 14, 15, 17, 19, 20, 21, 27, 28, 29, 30 |
फरवरी 2025 | 1, 2, 3, 5, 6, 7, 9, 12, 13, 14, 16, 19, 20, 21, 24, 26, 27, 28 |
मार्च 2025 | 2, 3, 5, 6, 7, 10, 12, 13, 14, 17, 19, 20, 21, 24, 26, 27, 28, 31 |
अप्रैल 2025 | 1, 2, 3, 4, 7, 9, 10, 11, 14, 16, 17, 18, 21, 23, 24, 25, 28, 30 |
मई 2025 | 1, 2, 5, 6, 7, 8, 9, 12, 14, 15, 16, 19, 21, 22, 23, 26, 28, 29, 30 |
जून 2025 | 1, 2, 4, 5, 6, 9, 11, 12, 13, 16, 18, 19, 20, 23, 25, 26, 27, 29, 30 |
जुलाई 2025 | 1, 5, 6, 7, 9, 10, 12, 13, 14, 17, 19, 20, 21, 23, 24, 26, 27, 28, 29 (नाग पंचमी), 31 |
अगस्त 2025 | 2, 3, 4, 6, 7, 9, 10, 11, 14, 16, 17, 18, 19, 21, 23, 24, 25, 27, 28, 30 |
सितंबर 2025 | 1, 3, 4, 6, 7 (पितृ पक्ष शुरू, 7 से 21 सितंबर तक प्रतिदिन मुहूर्त), 22, 25, 27, 28, 29 |
अक्टूबर 2025 | 1, 2, 4, 5, 6, 7, 9, 11, 12, 13, 16, 18, 19, 20, 21, 23, 25, 26, 27, 30 |
नवंबर 2025 | 1, 2, 3, 5, 6, 8, 9, 10, 12, 13, 15, 16, 17, 19, 20, 22, 23, 24, 27, 29, 30 |
दिसंबर 2025 | 1, 3, 5, 6, 9, 11, 12, 13, 19, 20, 24, 26, 27, 30, 31 |
पंडित सुरेश शर्मा जी द्वारा उज्जैन मे कालसर्प दोष निवारण पूजा हेतु वर्ष भर लोग आते है और अपनी परेशानियों से मुक्ति पाते है, आप भी अगर किसी दोष से परेशान है और अपने बिगड़े काम बनाने हेतु उज्जैन मे पूजा करना चाहते है तो अभी पंडित जी से बात करे और निशुल्क परामर्श ले।