ज्योतिष शास्त्र मे शेषनाग कालसर्प दोष कालसर्प दोषों में एक महत्वपूर्ण दोष है, जिसे विशेष रूप से शेषनाग की स्थिति से उत्पन्न माना जाता है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब राहु और केतु के मध्य अन्य ग्रहों का संयोग बनता है और व्यक्ति की जन्म कुंडली में शेषनाग की स्थिति होती है। इस दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे मानसिक तनाव, वैवाहिक जीवन में समस्याएं, आर्थिक संकट, और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां।
शेषनाग कालसर्प दोष के लक्षण
हिन्दू ज्योतिष में शेषनाग कालसर्प दोष एक प्रमुख कालसर्प दोष है, और इसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस दोष के लक्षण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्तर पर दिखाई देते हैं। निम्नलिखित लक्षण शेषनाग कालसर्प दोष के संकेत हो सकते हैं :-
- इस दोष के कारण व्यक्ति के विवाह में बहुत समय लग सकता है या विवाह में परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। विवाह के बाद दाम्पत्य जीवन में समस्याएं, विवाद, और असहमति हो सकती हैं।
- शेषनाग दोष के कारण व्यक्ति को लंबे समय तक बिमारी हो सकती है, जैसे ज्वर, सिर दर्द, और अन्य संक्रामक रोग, इस दोष के कारण व्यक्ति मानसिक तनाव, चिंता, और अवसाद का शिकार हो सकता है।
- इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे व्यापार में नुकसान धन की बर्बादी।
- शेषनाग दोष के प्रभाव से परिवार में रिश्तों में खटास आ सकती है और छोटे-छोटे मुद्दों पर विवाद हो सकते हैं। व्यक्ति को समाज में अवहेलना और अपमान का सामना करना पड़ सकता है।
- इस दोष के कारण व्यक्ति को करियर में रुकावटें, प्रमोशन में देरी, और कार्यस्थल पर समस्याएं आ सकती हैं।
- शेषनाग कालसर्प दोष के प्रभाव से व्यक्ति को लगातार थकान महसूस हो सकती है, और शारीरिक ऊर्जा में कमी हो सकती है।
- इस दोष के कारण व्यक्ति की सोच नकारात्मक हो सकती है और वह अपने जीवन में निराश महसूस कर सकता है। धार्मिक और मानसिक शांति की कमी महसूस हो सकती है।
शेषनाग कालसर्प दोष के उपाय
ज्योतिषीय शास्त्रों के अनुसार शेषनाग कालसर्प दोष के प्रभाव से बचने और जीवन में शांति प्राप्त करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं। यह उपाय व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति लाने में मदद कर सकते हैं। नीचे दिए गए उपाय शेषनाग कालसर्प दोष को शांत करने में सहायक हो सकते हैं :
- शेषनाग कालसर्प दोष को शांत करने के लिए भगवान शिव की पूजा और अभिषेक करना बहुत प्रभावी होता है। अभिषेक में शुद्ध जल, दूध, और बेलपत्र का उपयोग करना चाहिए।
- शेषनाग दोष के निवारण के लिए नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। नाग प्रतिमा या चित्र के सामने काले तिल, दूध, गुड़, और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए।
- भगवान शिव के मंत्र का जाप करें : “ॐ नमः शिवाय” का जाप नियमित रूप से करें, जिससे शिव कृपा से शेषनाग दोष का निवारण होता है।
- शेषनाग दोष के निवारण के लिए हवन करना बहुत प्रभावी उपाय होता है। इस हवन में काले तिल, सरसों, गुड़, और घी का उपयोग किया जाता है।
- शेषनाग दोष से मुक्ति पाने के लिए दान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें, और विशेष रूप से ब्राह्मणों को दक्षिणा और अनाज का दान करना चाहिए।
- शेषनाग कालसर्प दोष से बचाव के लिए शेषनाग यंत्र का पूजन और नियमित रूप से उसका धारण करना लाभदायक होता है।
- राहु-केतु के मंत्र का 108 बार जाप करना लाभदायक होता है :-
- राहु मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”
- केतु मंत्र: “ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः”
शेषनाग कालसर्प दोष निवारण पूजा
ज्योतिषाचार्य के अनुसार शेषनाग कालसर्प दोष निवारण पूजा एक विशेष पूजा है जिसे शेषनाग दोष के प्रभाव को शांत करने और जीवन में सुख, समृद्धि तथा मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से शेषनाग कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति द्वारा की जाती है, जिससे उनके जीवन में आ रही समस्याओं का समाधान हो सकता है। इस पूजा के बाद कई मंत्रों का जाप और विशेष पूजा-अनुष्ठान होते हैं, जिनसे इस दोष को शांत किया जा सकता है।
वैदिक शास्त्रों के अनुसार शेषनाग कालसर्प दोष निवारण पूजा को विशेष रूप से नाग पंचमी, शिवरात्रि, कृष्ण पक्ष और मंगलवार को करना शुभ माना जाता है। इस पूजा को नियमित रूप से करने से इसके परिणाम अधिक प्रभावी होते हैं। शेषनाग कालसर्प दोष निवारण पूजा एक अत्यंत प्रभावी उपाय है, जो न केवल दोष को शांत करता है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाता है।
शेषनाग कालसर्प दोष पूजा कैसे कराएं ?
शेषनाग कालसर्प दोष पूजा उज्जैन मे कराना अत्यंत फलदायी माना जाता है, क्योंकि यह भगवान शिव की प्रसिद्ध और प्राचीन नगरी है जहां कई प्रकार के दोषो की निवारण पूजा की जाती है।
उज्जैन में पूजा करने के लिए वहाँ के पंडित सुरेश शर्मा जी से संपर्क करके आप अपनी पूजा बुक कर सकते है। पंडित जी को पूजा अनुष्ठान का 15 वर्षों से अधिक अनुभव प्राप्त है नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे और पंडित जी को अपनी समस्या बताए।