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अनंत कालसर्प दोष: जाने दोष के लक्षण और आसान उपाय

अनंत कालसर्प दोष ज्योतिष शास्त्र में एक गंभीर दोष है, जो किसी व्यक्ति की कुंडली में तब बनता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित हो जाते हैं। इसे कालसर्प दोष के 12 प्रकारों में से एक माना जाता है। इस दोष का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में कई बाधाओं, कष्टों और मानसिक तनाव के रूप में प्रकट हो सकता है।

अनंत कालसर्प दोष कैसे बनता है?

ज्योतिषीय शस्त्र मे अनंत कालसर्प दोष तब बनता है जब कुंडली में राहु पहले भाव (लग्न) में और केतु सातवें भाव में स्थित होते हैं। इस स्थिति में, अन्य सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। यह दोष मुख्य रूप से व्यक्ति के आत्मविश्वास, रिश्तों और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है।

अनंत कालसर्प दोष के प्रभाव

अनंत कालसर्प दोष व्यक्ति के जीवन पर गहराई से प्रभाव डाल सकता है। यह दोष जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है, जैसे मानसिक, सामाजिक, आर्थिक, और स्वास्थ्य संबंधी स्थिति। इसके कुछ प्रमुख प्रभाव नीचे दिये गए है :-

  • अनंत कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को मानसिक अशांति का सामना करना पड़ता है। इसके कारण व्यक्ति के आत्मविश्वास में कमी होती है और निर्णय लेने में कठिनाई होती है।
  • इस दोष के कारण वैवाहिक जीवन में तनाव और असहमति बढ़ सकती है। परिवार और दोस्तों के साथ संबंधों में खटास आ सकती है।
  • इस दोष के प्रभाव से शारीरिक कमजोरी और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। तनाव से संबंधित बीमारियां, जैसे उच्च रक्तचाप और अनिद्रा, हो सकती हैं।
  • इस दोष के कारण व्यक्ति को पूजा-पाठ और आध्यात्मिक कार्यों में मन नहीं लगता। तथा आत्म-साक्षात्कार और शांति प्राप्त करने में कठिनाई होती है।
  • अनंत कालसर्प दोष के प्रभाव से करियर में अस्थिरता बनी रहती है। प्रमोशन में रुकावटें और जीवन में असफलताएं हो सकती हैं।
  • नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव और सकारात्मक ऊर्जा की कमी का महसूस होना आदि अनंत कालसर्प दोष के प्रभाव के कारण होता है।

अनंत कालसर्प दोष के उपाय

अनंत कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने और जीवन में शांति, समृद्धि और स्थिरता लाने के लिए ज्योतिष में विभिन्न उपाय बताए गए हैं। ये उपाय पूजा-अर्चना, मंत्र-जाप, और दैनिक जीवन में सकारात्मक बदलावों के माध्यम से दोष के प्रभाव को शांत कर सकते हैं इसके मुख्य उपाय निम्नलिखित है :-

  • रुद्राभिषेक करना भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी उपाय है। इसमें शिवलिंग पर गंगा जल, दूध, दही, शहद, घी और बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं।
  • नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। नाग पंचमी के दिन भगवान शिव और नाग देवता को दूध, फूल, और धूप अर्पित करें।
  • नियमित रूप से “अनंत नाग स्तोत्र” का पाठ करने से इस दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह पाठ नाग देवता की कृपा प्राप्त करने और जीवन में शांति लाने में सहायक होता है।
  • इस दोष को कम करने के लिए गरीबों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करना चाहिए। किसी गौशाला में गौ सेवा करें और गाय को चारा खिलाएं।
  • अनंत कालसर्प दोष निवारण के लिए पंचधातु या नाग देवता की अंगूठी धारण करें। अपने घर के पूजा स्थान पर नाग देवता की मूर्ति स्थापित करें और नियमित पूजा करें।
  • कुंडली के अनुसार गोमेद (हेसोनाइट) या लहसुनिया (कैट्स आई) रत्न धारण करें। रत्न धारण करने से पहले योग्य ज्योतिषाचार्य की सलाह जरूर लें।
  • अनंत कालसर्प दोष के उपाय दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और जीवन में सकारात्मकता लाने में सहायक होते हैं।

अनंत कालसर्प दोष निवारण पूजा

अनंत कालसर्प दोष निवारण पूजा एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है, जिसका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति की कुंडली में उपस्थित अनंत कालसर्प दोष के नकारात्मक दुष्प्रभावों को शांत करना और जीवन में शांति, सफलता, और समृद्धि लाना है। इस पूजा को ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे विशेष पवित्र स्थलों पर संपन्न करना शुभ माना जाता है।

यह पूजा भगवान शिव, नागदेवता, और राहु-केतु को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। यह पूजा करने से दोष के कारण उत्पन्न बाधाएं, समाप्त हो जाती हैं। यह पूजा व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। अनंत कालसर्प दोष का निवारण उचित पूजा, मंत्र जाप, और दान से किया जा सकता है। इन उपायों को अपनाने से व्यक्ति अपने जीवन में शांति, समृद्धि, और सफलता प्राप्त कर सकता है।

अनंत कालसर्प दोष पूजा का महत्व

अनंत कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभाव के कारण व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, आर्थिक अस्थिरता, और असफलताओं का सामना करना पड़ता है। इस पूजा के माध्यम से निम्न लाभ मिलते है:

  • राहु और केतु के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं।
  • ग्रहों की स्थिति से उत्पन्न दोष का निवारण होता है।
  • जीवन में सुख, शांति, और सकारात्मकता आती है।
  • भगवान शिव और नाग देवता की कृपा प्राप्त होती है।

अनंत कालसर्प दोष पूजा कैसे बुक करें ?

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