सावन में कालसर्प दोष पूजा: नागपंचमी के शुभ दिन पर उज्जैन में कैसे कराएं?
सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है, और इस दौरान की जाने वाली पूजा-अर्चना विशेष फलदायी होती है। खास तौर पर, कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए सावन मास और नागपंचमी का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। उज्जैन, जो भगवान महाकालेश्वर का पवित्र स्थान है, में इस पूजा का विशेष महत्व है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि सावन में नागपंचमी के शुभ दिन पर उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कैसे कराएं और इसका महत्व क्या है।
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कालसर्प दोष क्या है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तो यह स्थिति कालसर्प दोष या कालसर्प योग कहलाती है। राहु को सर्प के मुख और केतु को पूंछ के रूप में माना जाता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे:
- आर्थिक समस्याएं: मेहनत के बावजूद धन लाभ में बाधा।
- वैवाहिक जीवन में परेशानियां: विवाह में देरी या वैवाहिक जीवन में तनाव।
- स्वास्थ्य समस्याएं: मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन, या शारीरिक रोग।
- संतान संबंधी समस्याएं: संतान प्राप्ति में बाधा या संतान की प्रगति में रुकावट।
- सपनों में सर्प दिखना: मृत पूर्वजों या सर्पों के दर्शन होना।
कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए विधि-विधान से पूजा करना आवश्यक है, और इसके लिए सावन मास में नागपंचमी का दिन विशेष रूप से प्रभावशाली माना जाता है।
सावन में कालसर्प दोष पूजा का महत्व
सावन मास भगवान शिव का प्रिय महीना है, और शिवजी को नागों का देवता भी माना जाता है। इस मास में की गई पूजा-अर्चना से न केवल भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, बल्कि राहु और केतु के दुष्प्रभाव भी कम होते हैं। नागपंचमी, जो सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है, कालसर्प दोष निवारण के लिए विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। इस दिन नाग देवता की पूजा और शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से दोष के प्रभाव में कमी आती है।
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यहाँ भगवान महाकालेश्वर, जो काल के भी काल हैं, विराजमान हैं। उज्जैन की पवित्र क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित मंदिरों, जैसे सिद्धवट और अंगारेश्वर मंदिर, में की गई पूजा विशेष फलदायी होती है। नागपंचमी के दिन यहाँ बिना किसी विशेष मुहूर्त के भी पूजा की जा सकती है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
नागपंचमी पर कालसर्प दोष पूजा की विधि
नागपंचमी के दिन उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
1. कुंडली विश्लेषण
- सबसे पहले, किसी अनुभवी ज्योतिषी से अपनी जन्मकुंडली का विश्लेषण करवाएं। यह सुनिश्चित करें कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है और उसका प्रकार क्या है (जैसे अनंत, कुलिक, वासुकी आदि)। यह जानकारी पूजा की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाएगी।
2. पंडित जी से संपर्क
- उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा के लिए अनुभवी पंडितों से संपर्क करें। पंडित दीपक व्यास, पंडित उमेश शास्त्री, या पंडित शिव शर्मा जैसे विद्वान पंडित इस पूजा को वैदिक विधि-विधान से संपन्न कराते हैं। आप इनसे फोन के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं, जैसे 9131025992 या 08305753846।
- पूजा की तिथि, समय, स्थान, और खर्च के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।
3. पूजा की तैयारी
- पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे तांबे का नाग-नागिन जोड़ा, दूध, जल, बेलपत्र, फल, फूल, धूप, दीप, और अन्य पूजन सामग्री पंडित जी द्वारा बताई जाती है। कई पंडित यह सामग्री स्वयं उपलब्ध करवाते हैं।
- पूजा से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
4. पूजा प्रक्रिया
- स्थान: उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा आमतौर पर सिद्धवट मंदिर, अंगारेश्वर मंदिर, या क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित अन्य पवित्र स्थानों पर की जाती है।
- रुद्राभिषेक: भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना इस पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें शिवलिंग पर जल, दूध, और बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं।
- महामृत्युंजय जाप: महामृत्युंजय मंत्र का जाप कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है।
- नाग पूजा: नागपंचमी के दिन तांबे या चांदी के नाग-नागिन जोड़े की पूजा की जाती है। इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से दोष निवारण में मदद मिलती है।
- सर्प मंत्र और गायत्री मंत्र: पंडित जी द्वारा सर्प मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है, जैसे “ॐ नागकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात”।
5. संकल्प और दान
- पूजा के दौरान संकल्प लिया जाता है, जिसमें आप अपनी समस्याओं और दोष निवारण की कामना करते हैं।
- पूजा के अंत में दान-दक्षिणा देना न भूलें। गरीबों को कंबल, भोजन, या अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है।
6. ऑनलाइन पूजा का विकल्प
- यदि आप उज्जैन नहीं आ सकते, तो कई पंडित ऑनलाइन संकल्प के माध्यम से पूजा संपन्न कराते हैं। इसके लिए आपको अपनी कुंडली और व्यक्तिगत जानकारी पंडित जी को प्रदान करनी होगी।
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा का खर्च
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा का खर्च सामान्यतः 2500 रुपये से 11000 रुपये तक हो सकता है। यह खर्च निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:
- पंडित जी की दक्षिणा: पंडित के अनुभव और पूजा की प्रक्रिया के आधार पर।
- पूजा की व्यवस्था: सामान्य पूजा या विशेष अनुष्ठान।
- मंत्रों की संख्या: जितने अधिक मंत्रों का जाप होता है, खर्च उतना अधिक हो सकता है।
- अन्य दोष: यदि कुंडली में अन्य दोष (जैसे पितृ दोष या मंगल दोष) भी हैं, तो खर्च बढ़ सकता है।
पंडित जी से संपर्क करने से पहले पूजा की पूरी प्रक्रिया और खर्च की जानकारी लेना उचित है।
सावन में नागपंचमी पर उज्जैन में पूजा के लाभ
- दोष निवारण: कालसर्प दोष के कारण जीवन में आने वाली बाधाएं, जैसे आर्थिक तंगी, वैवाहिक समस्याएं, और स्वास्थ्य समस्याएं, कम होती हैं।
- मानसिक शांति: पूजा से मानसिक तनाव और चिड़चिड़ापन कम होता है।
- संतान सुख: संतान प्राप्ति और उनकी प्रगति में बाधाएं दूर होती हैं।
- आध्यात्मिक उन्नति: भगवान शिव और नाग देवता की कृपा से जीवन में सकारात्मकता आती है।
- पितृ दोष निवारण: यदि कालसर्प दोष के साथ पितृ दोष भी है, तो यह पूजा दोनों को शांत करने में सहायक होती है।
श्रावण मास मे उज्जैन मे कालसर्प पूजा बुक करे
सावन मास में नागपंचमी के शुभ दिन पर उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा करना न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आपके जीवन की समस्याओं को दूर करने में भी सहायक हो सकता है। उज्जैन, जो भगवान महाकाल का पवित्र स्थान है, में इस पूजा का विशेष महत्व है। अनुभवी पंडितों के मार्गदर्शन में विधि-विधान से पूजा करने से कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव कम होते हैं और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
यदि आप भी कालसर्प दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित सुरेश शर्मा जी से संपर्क करें और 2025 में नागपंचमी के शुभ मुहूर्त पर अपनी पूजा बुक करें।