कालसर्प दोष पूजा मुहूर्त और तिथि उज्जैन

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा 2025: शुभ तिथियां, मुहूर्त

क्या आप जानना चाहते हैं कि 2025 में कालसर्प दोष की शांति के लिए कौन-से दिन और समय सबसे शुभ माने गए हैं? 2025 में नागपंचमी, महाशिवरात्रि, और सावन मास जैसे शुभ अवसरों पर इस पूजा को करने से इसके प्रभाव कई गुना बढ़ जाते हैं।

इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति को करियर में असफलता, आर्थिक समस्या, पारिवारिक तनाव, और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है। कालसर्प दोष निवारण पूजा इस दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और जीवन में सकारात्मकता लाने का एक प्रभावी उपाय है। उज्जैन में यह पूजा विशेष रूप से शक्तिशाली मानी जाती है क्योंकि यह शहर भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है, जो सभी दोषों को निवारण करने वाले माने जाते हैं।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा न केवल आपके जीवन से समस्याओ और परेशानियों को हटाती है, बल्कि यह आपको भगवान महाकाल की कृपा, आध्यात्मिक शांति और समृद्धि भी प्रदान करती है।

Contents

2025 में कालसर्प दोष पूजा के लिए शुभ तिथियाँ और विशेष पर्व

1. नाग पंचमी के दिन

यह 2025 में जुलाई या अगस्त में सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाएगी। यह दिन कालसर्प दोष पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। नाग देवताओं को समर्पित यह दिन कालसर्प दोष शांति के लिए सबसे विशेष माना जाता है। उज्जैन में इस दिन विशेष अनुष्ठान होते हैं।

2. महाशिवरात्रि – 26 फरवरी 2025 (बुधवार)

महाशिवरात्रि को पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव का तांडव नृत्य हुआ था। शिव जी को काल का अधिपति माना गया है। इस दिन कालसर्प दोष की पूजा करने से जीवन में शुभता और समृद्धि प्राप्त होती है।

3. अमावस्या तिथि – आत्मिक और ग्रहदोष शांति हेतु श्रेष्ठ

  • 29 जनवरी 2025
  • 27 मार्च 2025
  • 26 मई 2025
  • 25 जुलाई 2025
  • 24 सितंबर 2025
  • 23 नवंबर 2025

4. ग्रहण काल में पूजा – विशेष मुहूर्त में की गई पूजा विशेष फलदायी

  • सूर्यग्रहण: 29 मार्च 2025
  • चंद्रग्रहण: 14 मार्च 2025
    (सावधानीपूर्वक योग्य पंडित से ही ग्रहण काल में पूजा करवाई जाए)

5. श्रावण मास के सोमवार – विशेष शिव पूजन व कालसर्प दोष शांति

सावन का महिना भगवान शिव को समर्पित होता है, और इस महीने में कालसर्प दोष पूजा का विशेष महत्व है। इस महीने में मांसाहार और शराब से परहेज करना चाहिए। अपनी कुंडली के आधार पर सटीक मुहूर्त के लिए पंडित जी से संपर्क करें। विशेष पूजा तिथियाँ : 7, 14, 21, 28 जुलाई 2025

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा के शुभ मुहूर्त (समय अनुसार)

शुभ मुहूर्त का चयन व्यक्ति की कुंडली, स्थान, और तिथि पर निर्भर करता है, आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करें और अपनी पूजा बुक करें:

जनवरी 2025: शुभ तिथियां

  • तारीखें: 1, 2, 4, 5, 6, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 16, 18, 19, 20, 22, 23, 25, 26, 27, 29, 30
  • मुहूर्त: सुबह 6:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक (राहु काल को छोड़कर)

फरवरी 2025: शुभ तिथियां

  • तारीखें: 1, 2, 3, 5, 6, 8, 9, 10, 12, 13, 15, 16, 17, 20, 22, 23, 24, 26, 27 (महाशिवरात्रि)
  • मुहूर्त: सुबह 7:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक

मार्च 2025: शुभ तिथियां

  • तारीखें: 1, 2, 3, 6, 8, 9, 10, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 19, 20, 22, 23, 24, 25, 27, 29, 30, 31
  • मुहूर्त: सुबह 6:15 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक

अप्रैल 2025: शुभ तिथियां

  • तारीखें: 3, 5, 6, 7, 8, 10, 12, 13, 14, 16, 17, 19, 20, 21, 24, 26, 27, 30
  • मुहूर्त: सुबह 6:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक

ऊपर दी गई तिथियाँ और समय अनुमानित है। पूजा की में सटीक जानकारी और शुभ मुहूर्त जानने के लिए उज्जैन के योग्य पंडित सुरेश शर्मा जी से संपर्क करें। अपनी कुंडली के आधार पर सही समय चुने और शुभ मुहूर्त में पूजा कराये।

कालसर्प दोष पूजा विधि: शास्त्रीय विधि से सम्पूर्ण प्रक्रिया

1. शुद्धिकरण और संकल्प

पूजा से पहले शिप्रा नदी में स्नान करके पूजा स्थल पर पहुंचें और पूजा का संकल्प लें। पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा और संकल्प के साथ होती है, जिसमें पंडित आपके नाम, गोत्र, और पूजा के के बारे में बताते है।

2. राहु-केतु तथा नाग देवताओं की पूजा

चांदी या मिट्टी से बनी नाग-नागिन की प्रतिमा को पंचामृत, दूध, हल्दी से स्नान कराकर विशेष मंत्रों द्वारा पूजन करें। नौ नाग देवताओं की पूजा इस अनुष्ठान का मुख्य हिस्सा है, जो कालसर्प दोष को शांत करने में सहायक है।

3. रुद्राभिषेक और हवन

शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा आदि से अभिषेक किया जाता है। काले तिल और घी के साथ हवन किया जाता है, और भगवान शिव का रुद्राभिषेक होता है। अंत में अग्निकुंड में हवन होता है, जिसमें विशेष बीज मंत्र बोले जाते हैं

“ॐ राहवे नमः”, “ॐ केतवे नमः”, “ॐ कालसर्प दोष नाशाय नमः”

4. ब्राह्मण दान और आशीर्वाद

पूजा के अंत में सामग्री को क्षिप्रा नदी में विसर्जित किया जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है। पंडित को वस्त्र, दक्षिणा और भोजन कराकर पूजा का समापन होता है।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कराने के कौन-कौन से लाभ है?

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  • बाधाओं से मुक्ति: यह पूजा करियर, शिक्षा, और व्यक्तिगत जीवन की बाधाओं को दूर करती है।
  • आर्थिक समृद्धि: वित्तीय अस्थिरता कम होती है, और धन लाभ के नए अवसर मिलते हैं।
  • स्वास्थ्य सुधार: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • वैवाहिक सुख: पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में शांति और सामंजस्य बढ़ता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: भगवान शिव की कृपा से आत्मिक शांति और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा में कितना खर्च आता है?

कालसर्प दोष पूजा की लागत पूजा के प्रकार और मंत्र जाप की संख्या पर निर्भर करती है। सामान्यतः, यह 2,100 रुपये से 5,100 रुपये तक हो सकती है। यह एक अनुमानित पूजा खर्च है सटीक जानकारी के लिए पूजा पंडित सुरेश शर्मा जी से आज ही संपर्क करें।

कालसर्प दोष पूजा बुकिंग उज्जैन में कैसे कराएँ?

सही समय, सही विधि और सच्ची श्रद्धा के साथ की गई कालसर्प दोष पूजा निश्चित रूप से आपके जीवन में शुभ परिणाम लाएगी। तो आज ही उज्जैन के श्रेष्ठ पंडित जी के पास अपनी पूजा बूक करे और अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करें। अभी कॉल करें

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