ग्रहण दोष पूजा उज्जैन: जाने प्रभाव, उपाय व पूजा खर्च
ग्रहण दोष कोई सामान्य दोष नहीं है, यह जीवन में आने वाली अनेक परेशानियों और मानसिक तनाव का मुख्य कारण हो सकता है। लेकिन उज्जैन में की गई शास्त्रोक्त पूजा विधि, महाकाल की कृपा, और अनुभवी पंडितों के मार्गदर्शन से इसे पूरी तरह शांत किया जा सकता है।
जब चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण के समय किसी व्यक्ति का जन्म होता है या जन्म कुंडली में राहु या केतु सूर्य/चंद्र के साथ स्थित होते हैं, तो यह ग्रहण योग या ग्रहण दोष का निर्माण करता है। इसका प्रभाव बहुत ही कम लेकिन लंबे समय तक रहता है, जिसे सामान्य पूजा विधियों से शांत करना कठिन होता है। उज्जैन में ग्रहण दोष पूजा एक शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान है जो आपके जीवन से ज्योतिषीय बाधाओं को हटाकर शांति, समृद्धि, और सुख लाता है।
Contents
- 1 ग्रहण दोष क्या होता है?
- 2 ग्रहण दोष के कारण कौन-कौन से प्रभाव देखने को मिलते है?
- 3 ग्रहण दोष के लक्षण क्या है? कैसे पहचाने ग्रहण दोष है या नहीं?
- 4 ग्रहण दोष दूर करने के उपाय कौन-कौन से है?
- 5 ग्रहण दोष पूजा क्यो की जाती है?
- 6 उज्जैन में ग्रहण दोष पूजा कराने मे कितना खर्च आता है?
- 7 उज्जैन में ग्रहण दोष पूजा कैसे कराये?
ग्रहण दोष क्या होता है?
ग्रहण दोष (Grahan Dosh) एक ऐसा ज्योतिषीय दोष है जो जन्म कुंडली में सूर्य या चंद्रमा के साथ राहु या केतु की युति से बनता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, करियर की रुकावटें, पारिवारिक कलह, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट जैसे प्रभाव लाता है।
ग्रहण शब्द का अर्थ है आच्छादन या छाया, जो जीवन में अंधेरे या बाधाओं का प्रतीक है। इस दोष के कारण जीवन मे निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:
- आर्थिक कठिनाइयां: धन हानि, कर्ज, और वित्तीय अस्थिरता।
- स्वास्थ्य समस्याएं: मानसिक तनाव, नेत्र रोग, और पुरानी बीमारियां।
- वैवाहिक और पारिवारिक तनाव: रिश्तों में असंतुलन और पारिवारिक विवाद।
- करियर में रुकावटें: नौकरी या व्यवसाय में असफलता और प्रगति में देरी।
- आध्यात्मिक अशांति: आत्मविश्वास की कमी और जीवन में उद्देश्यहीनता।
ग्रहण दोष के मुख्यतः दो प्रकार होते है, चन्द्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण।
ग्रहण दोष के कारण कौन-कौन से प्रभाव देखने को मिलते है?
अगर आपकी कुंडली मे भी ग्रहण दोष है तो आपको जल्दी से जल्दी पंडित सुरेश शर्मा जी से ग्रहण दोष शांति पूजा करवानी चाहिए नहीं तो ग्रहण दोष आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकता है, जैसे:
- स्वास्थ्य: ग्रहण दोष स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह व्यक्ति को बीमारियों, चोटों और मानसिक तनाव के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है।
- रिश्ते: ग्रहण दोष रिश्तों में तनाव पैदा कर सकता है। यह व्यक्ति को दूसरों के साथ संवाद करने में कठिनाई पैदा कर सकता है और गलतफहमी पैदा कर सकता है। व्यक्ति के सम्मान मे भी कमी आती है, और घर मे हमेशा नोक झोक होती रहती है।
- वित्त: ग्रहण दोष वित्तीय समस्याओं का कारण बन सकता है। यह व्यक्ति को नौकरी खोने, पैसे खोने या अप्रत्याशित खर्चों का सामना करने का कारण बन सकता है। व्यापार मे हानी होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।
- कॅरियर: ग्रहण दोष करियर में बाधाएं पैदा कर सकता है। यह व्यक्ति को नौकरी खोजने में कठिनाई, पदोन्नति में बाधा या व्यवसाय में असफलता का सामना करने का कारण बन सकता है। नौकरी जाने का खतरा बना रहता है।
ग्रहण दोष के लक्षण क्या है? कैसे पहचाने ग्रहण दोष है या नहीं?
ग्रहण दोष के लक्षण निम्नलिखित होते है,
- व्यक्ति के विवाह मे देरी होना।
- अनिश्चित और धुंधला भविष्य।
- स्त्री को गर्भावस्था मे समस्ये आना।
- आर्थिक स्थिति मे समस्याएँ और गिरावट आना।
- व्यापार मे लगातार हानी का सामना करना व असफल होना।
- स्वास्थ्य संबन्धित समस्याए।
- घर मे तनाव का महोल बना रहता है।
ग्रहण दोष दूर करने के उपाय कौन-कौन से है?
ग्रहण दोष के ये उपाय आपको सिर्फ कुछ समय के लिए ही शांति दे सकते है, ग्रहण दोष को हमेशा दूर करने के लिए ग्रहण दोष शांति पूजा सबसे अच्छा उपाय है।
- यदि आपकी कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष है तो आपको सूर्योदय के समय गायत्री मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए और सूर्य ग्रहण दोष मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य देना चाहिए।
- यदि कुंडली में सूर्य ग्रहण योग या पितृ दोष हो तो किसी से भी कोई वस्तु बिना पैसों के नहीं लेनी चाहिए और नेत्रहीनों की सहायता करनी चाहिए।
- अपनी कुंडली में चंद्र ग्रह के बुरे प्रभावों को कम करने के लिए आप हर सोमवार को 108 बार “ओम सोमाय नमः” या “ओम चंद्राय नमः” जैसे चंद्र मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
- आप प्रत्येक सोमवार को निर्धारित समय के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों को दूध का दान भी कर सकते हैं।
- ग्रहण के दौरान कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना भी ग्रहण दोष से बचने का एक प्रभावी उपाय माना जाता है।
- ग्रहण के बाद स्नान करना भी ग्रहण दोष से बचने का एक उपाय माना जाता है।
- ग्रहण के दौरान दान करना पुण्य माना जाता है। आप गरीबों को भोजन, कपड़े या पैसे दान कर सकते हैं।
- पूर्णिमा की रात चांदी के प्याले में शहद और हल्दी मिलाकर दूध पीना।
ग्रहण दोष पूजा क्यो की जाती है?
ग्रहण दोष पूजा एक विशेष वैदिक प्रक्रिया है जो जन्म कुंडली में ग्रहण योग या दोष को शांत करने के लिए की जाती है। उज्जैन में ग्रहण दोष पूजा इस दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और सूर्य, चंद्रमा, राहु, और केतु की शक्तियों को संतुलित करने का एक प्रभावी वैदिक उपाय है। यह पूजा भगवान शिव और अन्य देवताओं की कृपा से जीवन में शांति और समृद्धि लाती है।
यह पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि ग्रहण दोष जीवन के अनेक हिस्सो पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, इन प्रभावों को शांत करने के लिए केवल ग्रहण दोष शांति पूजा सम्पन्न कराना ही इसका एकमात्र रामबाण उपाय है।
अगर आप भी ग्रहण दोष पूजा करवाना चाहते है तो अभी उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिष पंडित सुरेश शर्मा जी से संपर्क कर सकते है और अपने जीवन मे आ रही सारी समस्याओ से छुटकारा पा सकते है।
उज्जैन में ग्रहण दोष पूजा कराने मे कितना खर्च आता है?
अगर आप उज्जैन नगरी मे ग्रहण दोष पूजा सम्पन्न कराते है तो इसमे आपका 2500 से 3500 रुपये तक का खर्च आ सकता है, जिसमे आपकी सम्पूर्ण पूजा सामग्री सहित सम्पन्न हो जाएगी। पूजन की अधिक जानकारी हेतु आप पंडित जी से संपर्क कर सकते और पंडित जी से बात करके आप अपनी पूजा घर से ही बुक कर सकते है और खर्चे के बारे मे अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है।
पंडित सुरेश शर्मा जी द्वारा उज्जैन मे ग्रहण दोष पूजा हेतु वर्ष भर लोग आते है, और अपनी परेशानियों से मुक्ति पाते है, आप भी अगर किसी दोष से परेशान है और अपने बिगड़े काम बनाने हेतु उज्जैन मे पूजा करना चाहते है तो अभी पंडित जी से बात करे और नि:शुल्क परामर्श ले।
उज्जैन में ग्रहण दोष पूजा कैसे कराये?
ग्रहण दोष पूजा की बुकिंग उज्जैन में आसानी से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से की जा सकती है। यदि अप भी घर बैठे पूजा बुक करना चाहते है तो उज्जैन के योग्य पंडित जी से आज ही निशुल्क परामर्श ले और अपनी पूजा बुक करे।