भारतीय ज्योतिष के अनुसार, चंद्र और राहु के मध्य बनने वाले अशुभ योग को चंद्र राहु ग्रहण दोष कहा जाता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह, आर्थिक संकट और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। चन्द्र राहू ग्रहण दोष तब बनता है जब चंद्रमा राहु के साथ एक ही भाव में स्थित होता है, और इस दोष का निवारण करने के लिए चंद्र राहु ग्रहण दोष निवारण पूजा का विशेष महत्व है।
चन्द्र राहू ग्रहण दोष क्या है ?
जब राहु ग्रह चंद्रमा के साथ एक ही भाव में स्थित होता है या चंद्रमा पर राहु की दृष्टि पड़ती है, तब यह दोष उत्पन्न होता है। इसे ग्रहण दोष इसलिए कहा जाता है क्योंकि राहु चंद्रमा की सकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देता है, जिससे मानसिक, शारीरिक, और भावनात्मक संतुलन प्रभावित होता है। चंद्र राहु ग्रहण दोष ज्योतिष के अनुसार एक अशुभ योग है, जो व्यक्ति के जीवन में विभिन्न समस्याओं का कारण बनता है।
चन्द्र राहू ग्रहण दोष के लक्षण
चन्द्र राहू ग्रहण दोष के प्रभाव से विभिन्न प्रकार की समस्याएँ देखने को मिलती है इसके ओर भी कई लक्षण देखे गए है जो की निम्नलिखित है :-
- चन्द्र राहू ग्रहण दोष के कारण मानसिक अशांति और निरंतर तनाव रहता है।
- पारिवारिक और दांपत्य जीवन में परेशानियां पैदा होती है।
- इस दोष से स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे अनिद्रा और सिरदर्द इत्यादि बना रहता है।
- यह दोष व्यापार या करियर में अस्थिरता उत्पन्न कर देता है।
- इसके कारण निर्णय लेने में असमर्थता होती है।
चन्द्र राहू ग्रहण दोष के उपाय :-
हिन्दू धर्म के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली मे चन्द्र राहू ग्रहण दोष पाया जाता है तो उसके कई नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति की कुंडली मे देखने को मिलते है। इन प्रभावों को कम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय किए जाते है जो की नीचे दिये गए है :-
- इस दोष को दूर करने के लिए ज्योतिष में विशेष रूप से चंद्र ग्रह मंत्र का जाप किया जाता है
मंत्र :- “ॐ सों सोमाय नमः।”
- राहु को शांत करने के लिए हवन और दान करना चाहिए
- राहु मंत्र का जाप करे : “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।”
- मोती धारण करना चाहिए इससे चंद्रमा मजबूत होता है।
- राहु के लिए तिल, लोहे, और नीले वस्त्र का दान करना चाहिए।
- राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए गोमेद धारण करें।
- चंद्र और राहु के लिए विशेष यंत्र स्थापित करें।
चन्द्र राहू ग्रहण दोष शांति पूजा
विशेष रूप से योग्य पंडित द्वारा विधिवत की गई चन्द्र राहू ग्रहण दोष निवारण पूजा दोष को शांत करने और उसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सहायक होती है। इस पूजा के माध्यम से चंद्रमा को मजबूत किया जाता है और राहु के अशुभ प्रभाव को शांत किया जाता है। चंद्र राहु ग्रहण दोष न केवल व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि उसके सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव डालता है।
चन्द्र राहू ग्रहण दोष पूजा कहाँ होती है ?
चंद्र राहु ग्रहण दोष निवारण पूजा के लिए भारत में कई पवित्र और प्रसिद्ध स्थान है जहां यह पूजा करवाने से दोष निवारण होता है। चन्द्र ग्रहण दोष पूजा के लिए सबसे प्राचीन और पवित्र स्थल उज्जैन, त्र्यंबकेश्वर और काशी माने जाते है। ये स्थान प्राचीन मंदिरों और विशेष तीर्थस्थलों के लिए प्रसिद्ध हैं, जहां अनुभवी पंडित विशेष पूजा विधियों के माध्यम से इस दोष का निवारण करते हैं।
चन्द्र राहु ग्रहण दोष पूजा कैसे बुक करे ?
- सबसे पहले पंडित सुरेश शर्मा जी से वेबसाइट या आधिकारिक नंबर के ज़रिए संपर्क करें।
- पंडित जी को अपनी कुंडली का विवरण दें।
- अपनी जन्मतिथि, समय और स्थान का विवरण दें।
- पंडित जी से पूजा का समय तय करें।
- पूजा से एक दिन पहले या पूजा से पहले उज्जैन पहुँचे।
पंडित सुरेश शर्मा जी द्वारा चन्द्र राहू ग्रहण दोष हेतु वर्ष भर लोग आते है, और अपनी परेशानियों से मुक्ति पाते है, आप भी अगर किसी दोष से परेशान है और अपने बिगड़े काम बनाने हेतु उज्जैन मे पूजा करना चाहते है तो अभी पंडित जी से बात करे और निशुल्क परामर्श ले।