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अर्क विवाह पूजा उज्जैन सम्पूर्ण जानकारी


अर्क विवाह पूजा
एक विशेष पूजा है जो कुंडली में मांगलिक दोष को दूर करने के लिए की जाती है। मांगलिक दोष को मंगल दोष भी कहा जाता है, यह कुंडली में तब होता है जब मंगल ग्रह कुंडली के कुछ विशेष भावों में स्थित होता है। मांगलिक दोष विवाह में देरी, वैवाहिक जीवन में परेशानी और यहां तक कि जीवनसाथी की मृत्यु का कारण भी बन सकता है। आज इस पोस्ट मे हम आपको बताएँगे की अर्क विवाह क्या होता है, यह कब किया जाता है, और इसके क्या फायदे है।

अर्क विवाह क्या होता है?

अर्क विवाह क्या होता है?

अर्क विवाह एक प्रतीकात्मक विवाह है जो हिंदू धर्म में कुछ विशेष परिस्थितियों में किया जाता है। अर्क विवाह को “सूर्य कन्या अर्क वृक्ष से विवाह” के नाम से भी जाना जाता है। अर्क विवाह मुख्य रूप से उन लोगों के लिए किया जाता है जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है और इस दोष के चलते व्यक्ति का विवाह नहीं हो पाता है, या उस व्यक्ति को विवाह से संबन्धित परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अर्क विवाह पूजा आमतौर पर सूर्योदय के समय की जाती है। पूजा के लिए एक वेदी तैयार की जाती है और उस पर केले के पेड़ या मंदार के पेड़ को स्थापित किया जाता है। व्यक्ति को नए कपड़े पहनने होते हैं और विवाह की सभी रस्में निभानी होती हैं। पूजा के बाद, व्यक्ति को कुछ मंत्रों का जाप करना होता है और कुछ दान करना होता है। किसी भी व्यक्ति के विवाह से पूर्व किए गए इस विवाह को अर्क विवाह पूजा के नाम से जाना जाता है।

अर्क वृक्ष सूर्यदेव का प्रतीक है और सूर्यदेव मंगल ग्रह को नियंत्रित करते हैं। इसलिए, अर्क विवाह पूजा पूरे विधि विधान से करके, मांगलिक दोष के प्रभाव को दूर किया जाता है और ऐसा करने से उस व्यक्ति के विवाह मे बाधा बनकर आ रहे सभी प्रकार के दोष व परेशानियाँ दूर हो जाती है।

अर्क विवाह क्यो किया जाता है?

अर्क विवाह क्यो किया जाता है?

अर्क विवाह करने के मुख्य कारण निम्न है,

  • यदि किसी पुरुष की कुंडली में मंगल दोष होता है, तो विवाह से पहले मंगल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए अर्क विवाह किया जाता है।
  • अर्क विवाह पूजा पूरे विधि विधान से करने पर कुंडली मे से मंगल दोष को दूर किया जा सकता है।
  • जब भी किसी व्यक्ति की शादी होने से पहले ही टूट जाती है, और तमाम कोशिशों के बाद भी शादी नहीं हो पाती है तो, ऐसी स्थिति मे उस व्यक्ति का अर्क विवाह किया जाता है।
  • यदि किसी पुरुष ने पहले दो विवाह किए हैं और उसकी दोनों पत्नियों की मृत्यु हो गयी हो या फिर उसका दोनों बार तलाक हो गया हो, तो तीसरा विवाह करने से पहले उसे अर्क विवाह करना होता है। ऐसा करने से वह व्यक्ति अपना वैवाहिक जीवन आराम से जी सकता है।

अर्क विवाह पूजा के फायदे

अर्क विवाह के लाभ या फाड़े निम्नलिखित है,

  • अर्क विवाह पूजा द्वारा पुरुष के विवाह मे आ रही सभी समस्याए और बाधाए समाप्त हो जाती है।
  • अर्क विवाह पूजा पुरुषो की  कुंडली से मांगलिक दोष को समाप्त करने के लिए भी किया जाता है।
  • अर्क विवाह, विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने और सुखमय दाम्पत्य जीवन प्रदान करने में मददगार माना जाता है।

अर्क विवाह किन पुरुषो को करना चाहिए?

जब भी किसी पुरुष की कुंडली मे मंगल प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव मे से किसी एक भाव मे हो तो इस प्रकार का योग विवाह मे विलंब, बाधा, विवाह के पश्चात कलह एवं वैवाहिक सुख मे कमी लाता है। पुरुष की कुंडली मे सप्तम या द्वादश भाव मे पाशविक गृह से पीड़ित हो या शुक्र, सूर्य, सप्तमेश और द्वादेश शनि गृह से वशीभूत हो तो ऐसे व्यक्ति के माता पिता को व्यक्ति का अर्क विवाह करवाना चाहिए।

अर्क विवाह कैसे किया जाता है?

अर्क विवाह एक साधारण विवाह समारोह की तरह होता है। इसमें एक मंडप सजाया जाता है और व्यक्ति का विवाह पूरी विधि के साथ किया जाता है, जैसे की एक साधारण विवाह समारोह किया जता है। अर्क विवाह कराने से पहले आपको एक पंडित के पास जाना होगा और पंडित जी आपकी कुंडली देख कर शुभ मुहूर्त बता देंगे और आपको पूरे विधि विधान के साथ उस मुहूर्त मे अर्क व्रक्ष के साथ विवाह सम्पन्न करना होगा।

अर्क विवाह पूजा उज्जैन मे कैसे कराए?

अर्क विवाह पूजा उज्जैन मे कैसे कराए?
  • सबसे पहले पंडित सुरेश शर्मा जी से वेबसाइट या आधिकारिक नंबर के ज़रिए संपर्क करें।
  • पंडित जी को अपनी कुंडली का विवरण दें।
  • अपनी जन्मतिथि, समय और स्थान का विवरण दें।
  • पंडित जी से पूजा का समय तय करें।
  • पूजा से एक दिन पहले या पूजा से पहले उज्जैन पहुँचे।

पंडित सुरेश शर्मा जी द्वारा अर्क कुम्भ विवाह पूजा उज्जैन हेतु वर्ष भर लोग आते है, और अपनी परेशानियों से मुक्ति पाते है, आप भी अगर किसी दोष से परेशान है और अपने बिगड़े काम बनाने हेतु उज्जैन मे पूजा करना चाहते है तो अभी पंडित जी से बात करे और निशुल्क परामर्श ले।

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