ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहो की स्थिति के अनुसार कुंडली मे अशुभ और शुभ दोनों तरह के योग का निर्माण होता है, अगर किसी जातक की कुंडली में शुभ योग का निर्माण हो रहा है, तो इसका मतलब यह है कि उसे अच्छे परिणाम की प्राप्ति होने वाली है। वहीं, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ योग बन रहा है, तो इससे व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां आती है।
आपने कई अशुभ दोषों के बारे में सुना होगा या फिर पढ़ा होगा, जिसमें से एक खतरनाक दोष अंगारक दोष भी है। इस लेख में, हम अंगारक दोष क्या होता है? के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे तथा इसके प्रभाव, लक्षण, और उपाय के बारे में भी हम जानेंगे।
अंगारक दोष क्या होता है?

अंगारक दोष ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। यह दोष तब बनता है जब मंगल और राहु ग्रह एक ही राशि में या एक दूसरे के विपरीत राशि में स्थित होते हैं। ज्योतिष में मंगल ग्रह को क्रोध, ऊर्जा और साहस का कारक माना जाता है, जबकि राहु ग्रह को छाया ग्रह माना जाता है जो भ्रम, अनिश्चितता और अशुभ प्रभाव लाता है।
अंगारक दोष के कारण जातक का स्वभाव आक्रामक, हिंसक तथा नकारात्मक हो जाता है तथा इस योग के प्रभाव में आने वाले जातकों के अपने भाईयों, मित्रों तथा अन्य रिश्तेदारों के साथ संबंध भी खराब हो जाते हैं।
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अंगारक दोष के लक्षण

अंगारक दोष के लक्षण निम्नलिखित है,
- अंगारक दोष के कारण जातक का स्वभाव उग्र हो जाता है।
- इस दोष के कारण जातक छोटी छोटी बातों को लेकर लड़ने लगता है।
- अंगारक दोष से पीड़ित व्यक्ति क्रोधी, चिड़चिड़ा और आक्रामक हो सकता है।
- नौकरी में अस्थिरता, धन हानि, और व्यापार में बाधाएं आदि चीजों का सामना करना पड़ता है।
अंगारक दोष के प्रभाव
अंगारक दोष के प्रभाव निम्नलिखित है,
- अगर किसी जातक के चतुर्थ भाव में अंगारक योग हो तो इसके कारण उसकी माता को दुख व भूमि संबंधित विवाद होते हैं।
- अंगारक दोष के कारण जातक नकारात्मक चीजों की तरफ दिमाग लगाता हुआ नजर आता है।
- अंगारक दोष के कारण व्यक्ति बहुत अधिक गुस्सैल होता हुआ नजर आता है।
- अंगारक दोष के चलते जातक के रिस्तों मे दरार आती है।
- अंगारक दोष के कारण जातक को वैवाहिक जीवन से संबन्धित समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
- जिस व्यक्ति की कुंडली में जन्म से अंगारक दोष का निर्माण होता है. वह व्यक्ति स्वभाव से उग्र हो जाता है।
- अंगारक दोष के दुष्प्रभाव के कारण जातक का स्वभाव आक्रामक, हिंसक तथा नकारात्मक हो जाता है।
- ऐसा व्यक्ति जिसके 12वें भाव में अंगारक योग बनता है, वह आयात-निर्यात में सफल होता है। ऐसे व्यक्ति को रिश्वतखोरी से लाभ मिलता है। ऐसा अंगार योग संपत्ति बर्बाद करा सकता है और चरित्र में भी दोष उत्पन्न कर सकता है।
- कुंडली के दूसरे घर में अंगारक योग बनने पर व्यक्ति का जीवन आर्थिक लिहाज से उतार-चढ़ाव वाला हो जाता है।
अंगारक दोष के प्रभाव को कम करने के उपाय
अंगारक दोष के उपाय निम्न है,
- अंगारक दोष के प्रभाव को कम करने के लिए आप भगवान भैरव को केले के पत्ते पर चावल का भोग लगा सकते हैं, और देसी घी के दीपक को हर रोज मंदिर में जलाना शुभ होगा।
- इसके असर को कम करने के लिए अपने वजन के बराबर कच्चा कोयला बहते पानी में प्रवाहित करना शुभ होता है।
- जिन लोगों की कुंडली में अंगारक योग है, उन्हें ‘ओम अंग अंगारकाय नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अंगारक दोष को शांत करने के लिए मूंगा रत्न का धारण करना फायदेमंद हो सकता है।
- अंगारक दोष को शांत करने के लिए आपको रोज कबूतर को बाजरा खिलना चाहिए।
अगर आपकी कुंडली मे अंगारक दोष है तो आपको जल्दी से जल्दी उज्जैन जाकर पंडित सुरेश शर्मा जी से अंगारक दोष निवारण पूजा सम्पन्न करानी चाहिए ताकि आपको इस दोष से जल्दी छुटकारा मिल जाए। ऊपर लिखे उपायो की मदद से आपको सिर्फ इस दोष के दुष्प्रभावो से कुछ हद तक ही राहत मिल सकती है।
अंगारक दोष पूजा क्या है?

अंगारक दोष निवारण पूजा एक वैदिक अनुष्ठान है जो की अंगारक दोष को जड़ से खत्म करने के लिए की जाती है। अंगारक दोष से पीड़ित व्यक्ति को अंगारक दोष पूजा अवश्य करवानी चाहिए, इस पूजा की मदद से जातक की कुंडली मे से अंगारक दोष पूर्ण रूप से खत्म हो जाता है और जातक के जीवन मे दोबारा सकारात्मकता आ जाती है।
अंगारक दोष पूजा मे कलश और पंच देवताओ अर्थात शिव जी, गणेश जी, मातृका, नवग्रह और प्रधान -देवता की पूजा की जाती है। पूजा मे मंगल दोष को शांत करने वाले मंत्र का (1000 बार) और केतू बीज मंत्र का (1700 बार) जाप किया जाता है। इसके पश्चात हवन अनुष्ठान किया जाता है। इस हवन अनुष्ठान मे भगवान मंगल और केतु के मंत्रो का जाप करते हुये घी, तिल और जौ अग्नि को अर्पित की जाएगी।
अंगारक दोष पूजा मे कितना खर्च आता है?
अगर आप उज्जैन नगरी मे अंगारक दोष पूजा सम्पन्न कराते है तो इसमे आपका 2500 से 3500 रुपये तक का खर्च आ सकता है जिसमे आपकी सम्पूर्ण पूजा सामग्री सहित सम्पन्न हो जाएगी। अगर आपको अंगारक दोष पूजा खर्च के बारे मे और अधिक जानकारी चाहिए तो आप ज्योतिष सुरेश शर्मा जी से संपर्क कर सकते है।
अंगारक दोष पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान

उज्जैन को भगवान महाकाल का निवास स्थान माना जाता है और यह हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। यहां अंगारक दोष पूजा के लिए कई मंदिर प्रसिद्ध हैं, जिनमें महाकालेश्वर मंदिर, ओंकारेश्वर मंदिर और त्रिवेणी संगम शामिल हैं।
अंगारक दोष पूजा करने के लिए उज्जैन के अंगारेश्वर महादेव मंदिर को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। स्कंद पुराण के अवंती खंड के मुताबिक, 84 महादेव में 43वें नंबर पर स्थित अंगारेश्वर मंदिर पर पूजा करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है, और साथ ही मंगलनाथ मंदिर में भी अंगारक दोष पूजा की जाती है।
अंगारक दोष पूजा उज्जैन मे कैसे कराये?

अगर आप भी अंगारक दोष के चलते परेशान हो गए हो, और इससे जल्दी से जल्दी छुटकारा पाना चाहते हो तो आज ही संपर्क करे पंडित सुरेश शर्मा जी से और अपनी पूजा बुक करे।
पंडित सुरेश शर्मा जी द्वारा उज्जैन मे अंगारक दोष पूजा हेतु वर्ष भर लोग आते है और अपनी परेशानियों से मुक्ति पाते है, आप भी अगर किसी दोष से परेशान है और अपने बिगड़े काम बनाने हेतु उज्जैन मे पूजा करना चाहते है तो अभी पंडित जी से बात करे और निशुल्क परामर्श ले।