मंगल दोष पूजा कब करनी चाहिए?

मंगल दोष पूजा कब होती है? जानिए सही समय और मुहूर्त

अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है, तो मंगलवार या शुभ मुहूर्त में मंगल शांति पूजा कराना अत्यंत आवश्यक है।
यह पूजा न केवल वैवाहिक जीवन में सुख लाती है, बल्कि व्यक्ति के आत्मबल, आत्मविश्वास और मानसिक शांति को भी बढ़ाती है। अधिक जानकारी के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करे और जाने की मंगल दोष पूजा कब करानी चाहिए?

भारतीय ज्योतिष के अनुसार, जन्म कुंडली में मंगल ग्रह का स्थान व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, स्वभाव, ऊर्जा और क्रोध पर गहरा प्रभाव डालता है। जब मंगल अशुभ भावों में स्थित होता है, तब इसे “मंगल दोष” कहा जाता है। इस दोष के नकारात्मक प्रभावों को हटाने के लिए उज्जैन में मंगल दोष पूजा कराएं और दोष से छुटकारा पाएँ।

मंगल दोष क्या होता है और यह कुंडली में कैसे बनता है?

जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है, तो व्यक्ति मांगलिक या मंगल दोष से प्रभावित माना जाता है। यह दोष विशेष रूप से विवाह से जुड़ी समस्याओं के लिए नकारात्मक माना जाता है।

मंगल एक अग्नि तत्व ग्रह है, जो ऊर्जा, साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम का प्रतिनिधित्व करता है। जब इसकी स्थिति असंतुलित होती है, तब यह व्यक्ति के स्वभाव में क्रोध, अधीरता और टकराव बढ़ा देता है।

मंगल दोष पूजा कब करनी चाहिए? जाने सही समय और मुहूर्त का महत्व

मंगल दोष पूजा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है सही समय और मुहूर्त। अगर यह पूजा उचित समय पर की जाए, तो उसका फल कई गुना अधिक बढ़ जाता है।

1. मंगलवार का दिन सर्वोत्तम माना जाता है

मंगल ग्रह का स्वामी दिन मंगलवार है। इसलिए इस दिन पूजा या हवन करना सबसे प्रभावी होता है। इस दिन की गई पूजा की तीव्रता अधिक होती है और पूजा का फल जल्दी मिलता है।

2. चैत्र, वैशाख, श्रावण और कार्तिक माह का विशेष महत्व

इन महीनों में की गई पूजा का परिणाम अत्यधिक शुभ माना गया है क्योंकि यह समय मंगल ग्रह की ऊर्जा को स्थिर करने का होता है। मंगल दोष पूजा के लिए मुहूर्त की जानकारी पूजा पंडित से ले। उज्जैन के अनुभवी पंडित सही मुहूर्त में और सटीक पूजा-विधि के साथ पूजा सम्पन्न कराते है।

3. मंगल ग्रह की दशा या अंतर्दशा के समय

जब कुंडली में मंगल की दशा या अंतर्दशा चल रही हो और जीवन में तनाव, रुकावट या झगड़े बढ़ रहे हों, तब तुरंत पूजा करवानी चाहिए। इस प्रकार के दुष्प्रभाव देखे जाने पर पंडित जी से कुंडली दिखवाए और दोष की पुष्टि कर उचित निवारण पूजा सम्पन्न कराएं।अधिक जानकारी के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करें।

4. विवाह से पहले या बाद में मंगल दोष की शांति

यदि व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष पाया गया हो तो विवाह से पहले मंगल शांति हवन कराया जाना चाहिए, या यदि पहले से विवाह हो चुका है, तो पति-पत्नी मिलकर मंगल दोष निवारण पूजा करें। इन उपायो को अपनाकर आप दोष के प्रभाव को शांत कर सकते है।

मंगल दोष पूजा क्यों करनी चाहिए?

मंगल दोष पूजा करने से मंगल ग्रह की उग्र ऊर्जा को संतुलित किया जाता है। यह पूजा विवाह में अड़चन, पति-पत्नी के बीच मतभेद, और परिवारिक कलह को दूर करने में सहायक मानी जाती है। इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में मंगल ग्रह की शुभता बढ़ती है, जिससे:

  • विवाह शीघ्र होता है।
  • जीवन में स्थिरता आती है।
  • पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं।
  • मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।

मंगल दोष पूजा कैसे की जाती है? पूजा विधि

मंगल दोष पूजा में मुख्यतः मंगल ग्रह के बीज मंत्र, मंगल कवच, और मंगल स्तोत्र का पाठ किया जाता है।
पूजा की विधि इस प्रकार होती है:

  1. पूजा से पहले स्नान करके लाल वस्त्र धारण करें।
  2. लाल फूल, गुड़, मसूर दाल, तांबे का पात्र और लाल चंदन से पूजा करें।
  3. मंगल देवता का चित्र या यंत्र स्थापित करें।
  4. निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें:
    “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
  5. इसके बाद मंगल शांति हवन किया जाता है, जिसमें तिल, गुड़ और घी से आहुति दी जाती है।
  6. अंत में दान के रूप में तांबे का बर्तन, लाल कपड़ा, और मसूर दाल ब्राह्मण को दान करें।

मंगल दोष से मुक्ति के उपाय कौन-कौन से है?

अगर आप मंगल दोष से परेशान हैं, तो नीचे दिए गए उपाय नियमित रूप से अपनाएं:

  1. हर मंगलवार हनुमान जी की पूजा करें
    हनुमान जी मंगल देव के अधिष्ठाता देव हैं। उनसे प्रार्थना करने से मंगल शांत होता है।
  2. मंगल बीज मंत्र का जप करें
    “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का रोज 108 बार जाप करें।
  3. लाल वस्त्र धारण करें और लाल फूल चढ़ाएं
    लाल रंग मंगल ग्रह को प्रिय है। इस रंग से जुड़ी वस्तुएं प्रयोग करें।
  4. लाल मसूर दाल का दान करें
    मंगलवार को मंदिर या किसी जरूरतमंद को दान करने से मंगल दोष शांति होती है।
  5. उज्जैन में मंगल दोष निवारण पूजा करवाएं
    भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में मंगल दोष की पूजा करने से इसका प्रभाव तेजी से कम होता है। यहां के अनुभवी पंडित ज्योतिषीय गणना के अनुसार पूजा कराते हैं।

उज्जैन में मंगल दोष पूजा क्यों विशेष मानी जाती है?

उज्जैन भारत का एकमात्र स्थान है जहां मंगल दोष पूजा, मंगल शांति हवन, और मांगलिक दोष निवारण विधि प्राचीन शास्त्रों के अनुसार की जाती है। यहां भगवान मंगलनाथ मंदिर स्थित है, जो मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है। इसलिए यहां की गई पूजा का फल अन्य किसी भी स्थान की तुलना में कई गुना अधिक मिलता है।

उज्जैन में मंगल दोष पूजा बुकिंग के लिए संपर्क करें?

अगर आप भी मंगल दोष निवारण पूजा या मंगल शांति हवन करवाना चाहते हैं, तो उज्जैन के अनुभवी पंडितों से उज्जैन में पूजा में पूरी विधि के साथ पूजा कराएं। यहां आपकी कुंडली के अनुसार सही विधि और मुहूर्त में पूजा कराई जाती है ताकि मंगल दोष का प्रभाव पूरी तरह शांत हो सके।

पंडित जी मंगल दोष के साथ अन्य दोष निवारण पूजा भी सम्पन्न करते है कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में करने के लिए पंडित जी के पास दूर दूर से लोग आते है। आप भी अपनी पूजा पंडित सुरेश शर्मा जी के पास बुक करें और दोष से छुटकारा पाएँ।

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