कुंडली मे कालसर्प दोष कैसे चेक करे

कुंडली मे कालसर्प दोष कैसे चेक करे | Free Kalsarp Dosh Check

नमस्कार! यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, तो जीवन में आने वाली बाधाएं, देरी और मानसिक तनाव आपको परेशान कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष को एक शक्तिशाली योग माना जाता है, जो राहु-केतु की विशेष स्थिति से बनता है। लेकिन चिंता न करें, इसकी पहचान और निवारण संभव है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि कुंडली में कालसर्प दोष कैसे चेक करें, यह क्या है, इसके 12 प्रकार, लक्षण, नुकसान और सरल उपाय। यदि आप निशुल्क कुंडली विश्लेषण चाहते हैं, तो नीचे दिए संपर्क पर मुझसे संपर्क करें – मैं आपकी सहायता के लिए हमेशा तैयार हूं।

कालसर्प दोष क्या है?

कालसर्प दोष जन्म कुंडली में एक ऐसा ज्योतिषीय दोष है जो तब बनता है जब राहु और केतु एक-दूसरे के विपरीत भावों में स्थित होते हैं, और कुंडली के सभी सात मुख्य ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि) इन दोनों के बीच ही सिमट जाते हैं। यह योग सर्प की तरह ग्रहों को जकड़ लेता है, जिससे जीवन में सर्पिल बाधाएं आती हैं।

ज्योतिषियों के अनुसार, यह दोष पिछले जन्म के कर्म, अपराध या नाग श्राप का फल माना जाता है। यदि राहु और केतु के बीच कोई ग्रह बाहर हो, तो यह पूर्ण कालसर्प दोष नहीं कहलाता। यह दोष जीवन के हर क्षेत्र – करियर, विवाह, स्वास्थ्य और धन – को प्रभावित कर सकता है। लेकिन सही समय पर पहचान और उपाय से इसे कम किया जा सकता है।

कुंडली में कालसर्प दोष कैसे चेक करें?

कुंडली में कालसर्प दोष की जांच करना सरल है, लेकिन इसके लिए सटीक जन्म विवरण (तिथि, समय और स्थान) जरूरी है। यहां स्टेप-बाय-स्टेप तरीका बताया गया है:

  1. कुंडली बनाएं: ऑनलाइन टूल्स या ज्योतिष सॉफ्टवेयर (जैसे AstroSage या Parashara) से अपनी लग्न कुंडली तैयार करें।
  2. राहु-केतु की स्थिति देखें: राहु और केतु हमेशा 180 डिग्री पर विपरीत होते हैं। चेक करें कि राहु किस भाव में है, तो केतु 7वें भाव में होगा।
  3. अन्य ग्रहों की जांच: देखें कि सातों मुख्य ग्रह राहु से केतु की दिशा में (या उल्टे) एक ही ओर स्थित हैं या नहीं। यदि हां, तो कालसर्प दोष है।
  4. प्रकार निर्धारित करें: राहु के भाव के आधार पर प्रकार पता चलेगा (नीचे विस्तार से)।
  5. विशेषज्ञ से परामर्श: स्वयं चेक करने के बाद, अनुभवी ज्योतिषी से कन्फर्मेशन लें, क्योंकि सूक्ष्म गणना महत्वपूर्ण है।

आप चाहे तो हमारे द्वारा निशुल्क कुंडली दिखा सकते है और व्यक्तिगत परामर्श ले सकते है। कुंडली दिखाने हेतु अपनी जानकारी नीचे दिये गए फार्म मे भरे।

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कालसर्प दोष के 12 प्रकार

कालसर्प दोष के कुल 12 प्रकार होते हैं, जो राहु-केतु की भाव स्थिति पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रकार का प्रभाव अलग होता है। यहां संक्षिप्त विवरण:

प्रकारराहु का भावकेतु का भावमुख्य प्रभाव
अनंत कालसर्प1st (लग्न)7thविवाह में देरी, साझेदारी में समस्या, मानसिक तनाव।
कुलिक कालसर्प2nd8thधन हानि, कर्ज, स्वास्थ्य खराब, बुरी आदतें।
वासुकि कालसर्प3rd9thपरिवार में कलह, धोखा, आर्थिक अस्थिरता।
शंखपाल कालसर्प4th10thसंपत्ति विवाद, करियर रुकावट, माता से दूरी।
पदम कालसर्प5th11thसंतान समस्या, शिक्षा में बाधा, फोकस की कमी।
महापद्म कालसर्प6th12thशत्रु पर विजय लेकिन व्यय अधिक, विदेश यात्रा।
तक्षक कालसर्प7th1stविवाह टूटने का खतरा, रिश्तों में तनाव।
कर्कोटक कालसर्प8th2ndकरियर स्थिरता न होना, सत्य बोलने से हानि।
शंखचूड़ कालसर्प9th3rdभाग्य में देरी, परिवारिक कलह, पछतावा।
घाटक कालसर्प10th4thअहंकार बढ़ना, कार्यक्षेत्र में असफलता।
विषधर कालसर्प11th5thउच्च शिक्षा बाधित, चिंता, संपत्ति हानि।
शेषनाग कालसर्प12th6thव्यसन, देरी से सफलता, 42 वर्ष बाद उन्नति।

ये प्रकार जीवन के विशिष्ट क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं। अपनी कुंडली के प्रकार की जानकारी के लिए मुझसे संपर्क करें।

कालसर्प दोष के लक्षण

कालसर्प दोष के लक्षण व्यक्ति के जीवन में अदृश्य बाधाओं के रूप में प्रकट होते हैं। मुख्य लक्षण निम्न हैं:

  • सपनों में सर्प या पानी: बार-बार सांप देखना या खुद को उड़ते हुए महसूस करना।
  • कार्यों में रुकावट: महत्वपूर्ण काम बार-बार अधर में लटक जाना, निर्णय लेने में कठिनाई।
  • मानसिक तनाव: चिंता, अवसाद, नकारात्मक विचार, नींद न आना।
  • शारीरिक संकेत: अचानक स्वास्थ्य समस्या, थकान, या नशे की लत।
  • सामाजिक प्रभाव: रिश्तों में दरार, परिवार से अलगाव, धन आगमन लेकिन व्यय अधिक।
  • करियर/शिक्षा: मेहनत के बावजूद सफलता न मिलना, एकाग्रता की कमी।

यदि ये लक्षण आपके जीवन में दिख रहे हैं, तो यह कालसर्प दोष का संकेत हो सकता है। निशुल्क जांच के लिए मुझे बताएं!

कालसर्प दोष के नुकसान

यह दोष जीवन को सर्प की तरह जकड़ लेता है, जिससे निम्न नुकसान होते हैं:

  • आर्थिक हानि: कर्ज बढ़ना, व्यापार में घाटा, संपत्ति विवाद।
  • विवाहिक जीवन: देरी, कलह, तलाक का खतरा, संतान प्राप्ति में समस्या।
  • स्वास्थ्य: पुरानी बीमारियां, मानसिक विकार, दुर्घटना का भय।
  • करियर: प्रमोशन न मिलना, नौकरी में अस्थिरता, मेहनत व्यर्थ जाना।
  • परिवार: सदस्यों में असहमति, धोखा, माता-पिता से दूरी।
  • मानसिक: भय, हताशा, आत्मविश्वास की कमी, जो जीवन को दुष्चक्र में फंसा देता है।

कई मामलों में यह दोष जीवन-भय पैदा कर सकता है, लेकिन उपायों से इसे उलटा लाभ भी मिल सकता है – जैसे धैर्य और संघर्ष से बड़ी सफलता।

कालसर्प दोष निवारण के उपाय

कालसर्प दोष को कम करने के सरल और प्रभावी उपाय:

  1. कालसर्प दोष पूजा: त्रिंबकेश्वर, उज्जैन या कालहस्ती मंदिर में विधिपूर्वक करवाएं। सोमवार से शुरू करें, नाग-नागिन जोड़े का रुद्राभिषेक करें।
  2. मंत्र जाप: महामृत्युंजय मंत्र जाप (“ॐ त्र्यंबकं यजामहे…”) का 108 बार दैनिक जाप। हनुमान चालीसा का पाठ।
  3. दान: काले तिल, कोयला, सर्प आकार का लोहा दान करें। नारियल को सिर पर 7 बार घुमाकर बहते पानी में प्रवाहित करें।
  4. आराधना: भगवान शिव की पूजा, रुद्राभिषेक सोमवार को। नाग पंचमी पर सर्प देवता की पूजा।
  5. रत्न/यंत्र: पन्ना या गोमेद रत्न धारण (ज्योतिषी सलाह से)। कालसर्प यंत्र घर में स्थापित करें।
  6. जीवनशैली: सत्य बोलें, धैर्य रखें, नशा त्यागें।

ये उपाय नियमित करने से दोष कम होता है और जीवन में शांति आती है।

अगर आपको पूर्णत: इस दोष से निवारण चाहिए तो आप उज्जैन मे आकर 3 घंटे की वैदिक कालसर्प दोष निवारण पूजा करा सकते है। पूजा की जानकारी व बुकिंग के लिए आप नीचे दिये गए नंबर पर कॉल कर सकते है।

निष्कर्ष: अपनी कुंडली को मुक्त करें

कालसर्प दोष एक चुनौती है, लेकिन ज्योतिष की शक्ति से इसे पार किया जा सकता है। यदि आप कुंडली में कालसर्प दोष कैसे चेक करें या इसके उपाय जानना चाहते हैं, तो आज ही निशुल्क कुंडली विश्लेषण के लिए मुझसे संपर्क करें। फोन: [आपका नंबर डालें] | ईमेल: [आपका ईमेल] | व्हाट्सएप: [लिंक]। मैं आपकी कुंडली का गहन अध्ययन कर सटीक मार्गदर्शन दूंगा। ज्योतिष से जीवन बदलता है – आइए, आपके भाग्य को सजाएं!

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