आंशिक कालसर्प दोष

आंशिक कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव और उपाय

भारतीय ज्योतिष मे कालसर्प दोष को बहुत ही खतरनाक दोष माना जाता है। कुंडली मे कालसर्प दोष तब बनता है, जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते है। कालसर्प दोष के 12 प्रकार होते है, इन्ही 12 प्रकारो मे से एक है आंशिक कालसर्प दोष। इस दोष को अर्द्ध कालसर्प दोष के नाम से भी जाना जाता है। यह दोष जीवन पर कालसर्प दोष जितना दुष्प्रभाव तो नहीं डालता किन्तु यह व्यक्ति के जीवन को संघर्षपूर्ण बना देता है। आज इस लेख के माध्यम से जानेंगे की आंशिक कालसर्प दोष क्या है? और इसे किस प्रकार दूर किया जा सकता है?

आंशिक कालसर्प दोष क्या है?

जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली के सभी ग्रह राहु और केतु के बीच होते है, तब कालसर्प दोष बनता है। किन्तु जब कुंडली के कुछ राहु और केतु की धुरी से बाहर होते है, तब जो योग बनता है, उसे ही आंशिक कालसर्प दोष कहा जाता है। यह दोष इतना प्रभावी नहीं होता है, किन्तु इस दोष के कारण व्यक्ति के जीवन मे अस्थिरता, आर्थिक समस्या और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।

आंशिक कालसर्प दोष के लक्षण

आंशिक कालसर्प दोष के लक्षण निम्नलिखित है-

  • दोष के कारण मानसिक तनाव और चिंता बनी रहती है।
  • आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ता है।
  • व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है।
  • वैवाहिक जीवन मे अनबन होती रहती है।
  • समाज मे मान सम्मान कम होता है।
  • सपने मे सर्प दिखाई देने लगते है।

आंशिक कालसर्प दोष के उपाय

आंशिक कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपायो को अपना सकते है।

  • राहु केतु शांति मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • पंचाक्षर मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • नीले रंग की वस्तुओ का उपयोग करना चाहिए।
  • प्रतिदिन 11 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • कौवे या कुत्तो को भोजन देना चाहिए।

आंशिक कालसर्प दोष के लाभ

आंशिक कालसर्प दोष अधिकांश नकारात्मक प्रभाव ही डालता है, किन्तु यदि राहु मजबूत स्थिति मे हो, तो यह दोष व्यक्ति के लिए लाभकारी भी हो सकता है। राहु के मजबूत होने के कारण आंशिक कालसर्प दोष से होने वाले लाभ निम्नलिखित है-

  • व्यक्ति अपने कार्यो के प्रति अधिक समर्पित होता है।
  • व्यक्ति परिश्रमी हो जाता है।
  • व्यक्ति के परिश्रम के कारण जीवन मे सकारात्मकता आती है।
  • व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास मे वृद्धि होती है।
  • करियर और व्यवसाय मे सफलता मिलती है। व्यक्ति जोखिम लेने से नहीं डरता है।

आंशिक कालसर्प दोष निवारण पूजा

आंशिक कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को सदैव के लिए समाप्त करने के लिए आंशिक कालसर्प दोष निवारण पूजा की जाती है। पूजा मे वैदिक मंत्रो का जाप, राहु और केतु की शांति के लिए विशेष अनुष्ठान और शिवलिंग पर पंचामृत से रुद्राभिषेक किया जाता है। पूजा का उद्देश्य दोष के दुष्प्रभाव को समाप्त कर व्यक्ति के जीवन को सुखमय बनाना होता है।

आंशिक कालसर्प दोष निवारण कहाँ होती है ?

आंशिक कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए भारत में कई पवित्र और प्रसिद्ध स्थान है, जहां यह पूजा करवाने से दोष निवारण होता है। आंशिक कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए सबसे प्राचीन और पवित्र स्थल उज्जैन, त्र्यंबकेश्वर और काशी माने जाते है। किन्तु उज्जैन मे पूजा करने का विशेष महत्व होता है , जहां अनुभवी पंडित विशेष पूजा विधियों के माध्यम से इस दोष का निवारण करते हैं।

आंशिक कालसर्प दोष निवारण पूजा कैसे बुक करे?

यदि आप आंशिक कालसर्प दोष के प्रभाव से पीड़ित हैं और अपने जीवन में आ रही समस्याओं से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो उज्जैन के प्रसिद्ध और अनुभवी पंडित सुरेश शर्मा जी से संपर्क करके इस दोष का शास्त्रोक्त समाधान प्राप्त कर सकते हैं। आप भी अगर किसी दोष से परेशान है और अपने बिगड़े काम बनाने हेतु उज्जैन मे पूजा करना चाहते है तो अभी पंडित जी से बात करे और निशुल्क परामर्श ले।

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