नवचंडी और शतचंडी पाठ क्या है? जाने इस पूजा के क्या लाभ है
हिंदू धर्म में देवी माँ की उपासना को बहुत शक्तिशाली और फलदायी माना गया है। यह पूजा व्यक्ति के जीवन में शक्ति, समृद्धि, सुख और बाधा निवारण का वरदान देती है। जब जीवन में बार-बार समस्याएँ, रोग, शत्रु या ग्रहदोष परेशान करने लगते हैं तब शतचंडी पाठ और नव चंडी पाठ का आयोजन विशेष रूप से किया जाता है।
नवचंडी और शतचंडी पाठ दोनों ही अत्यंत शक्तिशाली अनुष्ठान हैं। जहाँ नवचंडी पूजा व्यक्तिगत जीवन और सामान्य दोष निवारण के लिए की जाती है, वहीं शतचंडी पूजा बड़े स्तर की बाधाओं और सफलता के लिए की जाती है। विशेष रूप से उज्जैन, काशी और हरिद्वार जैसे पवित्र स्थलों पर इन पूजाओं का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
Contents
- 1 नवचंडी पाठ क्या है? यह पूजा कराना क्यों है विशेष?
- 2 उज्जैन में नवचंडी पाठ की विधि क्या है?
- 3 शतचंडी पाठ क्या है? इसकी विशेषता क्या है?
- 4 उज्जैन में शतचंडी पाठ की विधि क्या है? कैसे होती है यह पूजा
- 5 नवचंडी और शतचंडी पाठ के लाभ क्या है?
- 6 नवचंडी पाठ के लाभ
- 7 शतचंडी पाठ के लाभ
- 8 उज्जैन में नवचंडी और शतचंडी पूजा के प्रसिद्ध मंदिर कौन से है?
- 9 उज्जैन में नवचंडी और शतचंडी पाठ बुकिंग कैसे करें?
नवचंडी पाठ क्या है? यह पूजा कराना क्यों है विशेष?
यह पूजा माँ दुर्गा के चंडी स्वरूप को समर्पित है नव चंडी पूजा एक ऐसा अनुष्ठान है जिसमें 9 दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। जिसमें देवी दुर्गा के 100 अध्यायों का पाठ किया जाता है। इस पूजा का उल्लेख मार्कंडेय पुराण में मिलता है। यह पूजा विशेष रूप से उज्जैन में पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। उज्जैन में कई अनुभवी पंडित नव चंडी पूजा सम्पन्न कराते है।
- नवचंडी पाठ में दुर्गा सप्तशती (700 श्लोक) का पाठ और देवी के 9 रूपों की पूजा की जाती है।
- यह पूजा मुख्य रूप से नवरात्रि में की जाती है, लेकिन विशेष कार्यसिद्धि या बाधा निवारण के लिए अन्य समयों पर भी कराई जा सकती है।
- इसका उद्देश्य जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना और आत्मबल को बढ़ाना है।
उज्जैन में नवचंडी पाठ की विधि क्या है?
यह पूजा उज्जैन में कराना बहुत लाभकारी मानी जाती है। यहाँ पूजा कराने से भगवान शिव की असीम कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। उज्जैन मे अनुभवी पंडितो द्वारा करायी जाने वाली नवचंडी पूजा की विधि निम्नानुसार है:
- पंडित द्वारा संकल्प और पूजा का आरंभ।
- गणेश पूजन और कलश स्थापना।
- देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा।
- दुर्गा सप्तशती पाठ।
- हवन और देवी की आरती।
शतचंडी पाठ क्या है? इसकी विशेषता क्या है?
शतचंडी पाठ एक महा-अनुष्ठान है जिसमें 100 बार चंडी पाठ किया जाता है। इस पूजा का वर्णन देवी भागवत पुराण में मिलता है। शत चंडी पूजा न सिर्फ समस्याओं का समाधान करती है बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करती है। इस पूजा का अनुभव आध्यात्मिक और भौतिक दोनों स्तरों पर परिवर्तन लाता है।
- शतचंडी पूजा को सबसे प्रभावशाली और विशाल अनुष्ठानों में गिना जाता है।
- इसमें दुर्गा सप्तशती का 100 बार पाठ और देवी के सभी रूपों का आह्वान किया जाता है।
- इस पूजा में कई पंडित एक साथ बैठकर पाठ और हवन करते हैं।
- यह पूजा राजाओं और बड़े यज्ञों में प्राचीन काल से की जाती रही है।
उज्जैन में शतचंडी पाठ की विधि क्या है? कैसे होती है यह पूजा
उज्जैन में यह पूजा विधिवत रूप से सम्पन्न करायी जाती है जिसकी विधि निम्न चरणों में पूरी होती है:-
- शुद्ध और पवित्र स्थान पर यज्ञ वेदी की स्थापना।
- अनेक विद्वान पंडितों द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ।
- प्रत्येक पाठ के बाद हवन की आहुति।
- विशेष मंत्रों और देवी कवच का पाठ।
- पूजन के अंत में पूर्णाहुति और भव्य आरती।
नवचंडी और शतचंडी पाठ के लाभ क्या है?
नवचंडी पाठ के लाभ
- जीवन की नकारात्मक शक्तियाँ नष्ट होती हैं।
- सुख-शांति और वैभव की प्राप्ति होती है।
- व्यापार और करियर में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।
- पारिवारिक जीवन में सामंजस्य आता है।
शतचंडी पाठ के लाभ
- बड़े ग्रह दोष और कुल दोष का निवारण होता है।
- शत्रुओं पर विजय और राजसुख की प्राप्ति होती है।
- यह पूजा संतान सुख, धन और वैभव देने वाली मानी जाती है।
- व्यक्ति के जीवन में अद्भुत शक्ति और आत्मविश्वास का संचार करती है।
उज्जैन में नवचंडी और शतचंडी पूजा के प्रसिद्ध मंदिर कौन से है?
- कालीघाट माता मंदिर (उज्जैन): कालीघाट माता मंदिर में महाकाली साधना के साथ चंडी पाठ का विशेष महत्व है। शत्रु बाधा, ग्रहदोष और तंत्र बाधा से मुक्ति के लिए यहाँ नवचंडी और शतचंडी पूजा अत्यंत प्रभावी मानी जाती है
- हरसिद्धि माता मंदिर: हरसिद्धि माता उज्जैन की आराध्य शक्तियों में से एक हैं। यहाँ नवचंडी और शतचंडी पूजा करवाना अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि माता स्वयं शक्ति और सिद्धि की दात्री हैं
- गढ़कालिका माता मंदिर: महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित यह मंदिर शक्ति साधना का महत्वपूर्ण स्थान है। गढ़कालिका माता तंत्र साधना और चंडी पाठ के लिए प्रसिद्ध हैं।
उज्जैन में नवचंडी और शतचंडी पाठ बुकिंग कैसे करें?
नवचंडी और शतचंडी दोनों ही पूजाएँ अत्यंत फलदायी हैं। आपकी आवश्यकता और सामर्थ्य के अनुसार ही पूजा कराएं। छोटी समस्याओं के लिए नवचंडी और गंभीर समस्याओं के लिए शतचंडी पूजा कराना सबसे शुभ माना जाता है। उज्जैन में यह पूजा कराने के लिए आज ही नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे और अपनी पूजा बुक करें।