कालसर्प दोष पूजा कहाँ होती है?

कालसर्प दोष पूजा कहाँ होती है? कौन-सा मंदिर प्रसिद्ध है?

कालसर्प दोष एक ऐसा योग है जो तब बनता है जब व्यक्ति की जन्म कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। यह योग जीवन में बाधाएँ, मानसिक तनाव, वैवाहिक कठिनाइयाँ और आर्थिक अस्थिरता पैदा कर सकता है। ऐसे में कालसर्प दोष पूजा इस दोष को शांत करने का सबसे प्रभावी उपाय माना गया है।

यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है और जीवन में लगातार रुकावटें आ रही हैं, तो उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कराना सबसे प्रभावी उपाय है। उज्जैन जैसे पवित्र स्थान पर अनुभवी और प्रमाणित पंडितों द्वारा की गई पूजा आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है।

कालसर्प दोष पूजा के लिए सबसे पवित्र स्थान और मंदिर कौन-सा है?

भारत में कई जगहों पर यह पूजा कराई जाती है, लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं जहाँ यह पूजा विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है। ये स्थान निम्नलिखित है:

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा- सबसे प्रभावी स्थान

उज्जैन, जहां भगवान महाकाल विराजमान हैं, वहां भी कालसर्प दोष निवारण पूजा अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। यहां महाकालेश्वर मंदिर अंगारेश्वर मंदिर, सिद्धवट के सामने क्षिप्रा किनारे और काल भैरव मंदिर के पास यह पूजा योग्य पंडितों द्वारा कराई जाती है।

उज्जैन में पूजा करवाने के लाभ क्या है?

  • महाकाल की उपस्थिति में की गई पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
  • यहां नाग पंचमी और सावन महीने में विशेष कालसर्प शांति अनुष्ठान होते हैं।
  • यह स्थान शिव, ग्रह और पितृ दोष शांति के लिए आदर्श माना जाता है।

उज्जैन में कालसर्प दोष के पूजा स्थान कौन-कौन से है?

  • महाकाल मंदिर परिसर
  • क्षिप्रा नदी घाट
  • अंगारेश्वर मंदिर
  • हरसिद्धि मंदिर के पास विशेष यज्ञ स्थल।

हरिद्वार और ऋषिकेश

उत्तर भारत में हरिद्वार और ऋषिकेश को भी कालसर्प दोष निवारण के लिए शुभ माना जाता है।
यहां पवित्र गंगा के तट पर कालसर्प शांति हवन किया जाता है।

कालसर्प दोष पूजा कैसे होती है? इसकी पूजा-विधि क्या है?

कालसर्प दोष पूजा की विधि हर स्थान पर थोड़ी भिन्न हो सकती है, लेकिन सामान्य रूप से इसमें ये चरण शामिल होते हैं जो की निम्नलिखित है:

  1. गणेश पूजन और संकल्प
  2. कालसर्प दोष की कथा और हवन
  3. रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप
  4. नाग-नागिन प्रतिमा का पूजन
  5. ब्राह्मण भोजन और दान

कालसर्प दोष पूजा में कितना समय लगता है? यह पूजा कितने दिन में होती है?

कालसर्प दोष पूजा सामान्यतः 2 से 3 घंटे में पूरी होती है। इस पूजा की अवधि पूजा पंडित और दोष के प्रकार के अनुसार अलग हो सकती है। विशेष अनुष्ठान और हवन प्रक्रिया में अधिक समय लगभग 4-5 घंटे लग सकते है।

कालसर्प दोष पूजा कब करानी चाहिए?

  • नाग पंचमी
  • श्रावण मास
  • अमावस्या या पित्र पक्ष
  • सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के बाद का शुभ मुहूर्त
    इन दिनों में कराई गई पूजा का फल अत्यधिक शुभ माना जाता है। कुंडली के अनुसार पंडित जी से शुभ मुहूर्त में पूजा सम्पन्न कराएं।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा में कितना खर्च आता है?

कालसर्प दोष पूजा की विधि और पंडित की विशेषज्ञता के आधार पर खर्च भिन्न हो सकता है। उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा का अनुमानित खर्च 2,100 से 5,100 तक हो सकता है। पूजा खर्च और पूजा के बारे में अन्य जानकारी के लिए पंडित जी से संपर्क करें।

  • सामान्य पूजा: ₹2,100 – ₹5,000
  • विशेष पूजा (हवन सहित): ₹5,000+
  • पूर्ण विधि सहित नागबली-नारायण नागबली: ₹5000 या इससे अधिक हो सकता है।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा की बुकिंग कैसे कराएँ?

यदि आप कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभाव से परेशान है और उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कराना चाहते हैं, तो उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करें। पंडित जी आपकी जन्म कुंडली देखकर सही पूजा और शुभ मुहूर्त में आपकी सहायता करेंगे।

नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और अपनी पूजा के बरें में पंडित जी से पूरी जानकारी प्राप्त करे। पंडित जी को दोष निवारण पूजाओ का 15 वर्षो से अधिक अनुभव प्राप्त है, अभी अपनी पूजा की बुकिंग करे।

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