श्री नव चंडी पाठ यज्ञ नवरात्रि
इस नवरात्रि, माँ चंडी की कृपा पाने का अवसर न छोड़ें। ऑनलाइन बुकिंग करें और अपने घर बैठे शुभ मुहूर्त में लाइव नव चंडी पाठ यज्ञ में शामिल हों। शुद्ध वेदिक विधि से होने वाले इस अनुष्ठान से पाएं स्वास्थ्य, समृद्धि और शत्रुनाश का आशीर्वाद। सीमित स्लॉट उपलब्ध – अभी बुक करें!
- कोई बुकिंग शुल्क नहीं
- कोई सामाग्री की नहीं लाना है
- जाप के बाद कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं
श्री नव चंडी पाठ क्या है?
श्री नव चंडी पाठ दुर्गा सप्तशती के 13 अध्यायों का एक विशेष क्रम है जिसे नौ दिनों में पूर्ण विधि-विधान के साथ पूरा किया जाता है। इसे “नवरात्रि चंडी पाठ” भी कहते हैं। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और शांति प्राप्ति का अनुष्ठान है। शक्ति उपासना की यह विधि मनुष्य के अंदर के भय और नकारात्मकता को दूर कर उसे साहस, शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करती है।
श्री नव चंडी पाठ यज्ञ, नवरात्रि में करने से एक साधारण पूजा एक महान अनुष्ठान बन जाती है। यह न सिर्फ आपकी समस्याओं का समाधान करता है बल्कि आपके जीवन में दिव्य शक्ति का संचार भी करता है।
क्यों है नवरात्रि में इस पाठ का विशेष महत्व?
नवरात्रि के पावन पर्व पर जब पूरी सृष्टि देवी के नौ रूपों की आराधना में लीन होती है, तब श्री नव चंडी पाठ यज्ञ एक ऐसा महान अनुष्ठान है जिसके द्वारा व्यक्ति को माँ दुर्गा की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह सिर्फ एक पूजा नहीं बल्कि एक सम्पूर्ण वैदिक परम्परा है जो नौ दिनों में आपके जीवन की दिशा बदल सकती है। नवरात्रि के नौ दिन देवी के नौ रूपों को समर्पित हैं। प्रत्येक दिन अलग-अलग शक्ति का प्रतीक है:
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प्रथम दिन – शैलपुत्री (मूलाधार चक्र)
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द्वितीय दिन – ब्रह्मचारिणी (स्वाधिष्ठान)
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तृतीय दिन – चंद्रघंटा (मणिपुर)
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चतुर्थ दिन – कुष्मांडा (अनाहत)
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पंचम दिन – स्कंदमाता (विशुद्ध)
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षष्ठम दिन – कात्यायनी (आज्ञा)
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सप्तम दिन – कालरात्रि (सहस्रार)
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अष्टम दिन – महागौरी (सम्पूर्ण चक्र)
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नवम दिन – सिद्धिदात्री (दिव्य शक्ति)
नवरात्रि में नव चंडी पाठ यज्ञ क्यों खास है?
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शक्ति की उपासना का श्रेष्ठ काल – नवरात्रि के नौ दिन शक्ति की उपासना के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं।
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नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति – इस यज्ञ से व्यक्ति के जीवन से अशुभ ग्रह, बुरे विचार और बाधाएं दूर होती हैं।
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समृद्धि और सफलता – मान्यता है कि नव चंडी पाठ यज्ञ से घर-परिवार में सुख-शांति और लक्ष्मी कृपा आती है।
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आध्यात्मिक उत्थान – साधक को आंतरिक शांति, आत्मबल और मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।
श्री नव चंडी पाठ यज्ञ की विधि क्या है? जाने कैसे होती है यह पूजा सम्पन्न
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शुद्धिकरण और संकल्प – यज्ञ स्थल का पवित्रीकरण कर संकल्प लिया जाता है।
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देवी आवाहन – देवी दुर्गा और उनके नव स्वरूपों का आवाहन मंत्रों से किया जाता है।
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दुर्गा सप्तशती पाठ – 700 श्लोकों वाले इस ग्रंथ का विधिवत पाठ किया जाता है।
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होम और आहुतियां – देवी मंत्रों के साथ अग्नि में आहुतियां दी जाती हैं।
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पूर्णाहुति और आशीर्वाद – यज्ञ की समाप्ति पर देवी का पूजन कर प्रसाद और आशीर्वाद ग्रहण किया जाता है।
श्री नव चंडी पाठ यज्ञ करने से कौन-कौन से लाभ मिलते है?
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इस पूजा से परिवार में शांति और एकता आती है।
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नव चंडी यज्ञ कराने से करियर और व्यवसाय में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
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इस अनुष्ठान के प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
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ग्रह दोष और शत्रु बाधा का प्रभाव कम होता है।
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आध्यात्मिक प्रगति और देवी कृपा प्राप्त होती है।
नवरात्रि में कहाँ कराएं श्री नव चंडी पाठ यज्ञ?
- उज्जैन, वाराणसी, हरिद्वार और नासिक जैसे तीर्थस्थलों पर यह अनुष्ठान विशेष रूप से कराया जाता है।
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर परिसर, काली माता मंदिर, हरसिद्धि माता मंदिर और आसपास के शक्तिपीठ इस यज्ञ के लिए प्रसिद्ध हैं।
किसी अनुभवी और योग्य आचार्य या पंडित जी की देखरेख में यज्ञ कराना सबसे उत्तम माना जाता है।
- आप चाहे तो ऑनलाइन श्री नवचंडी पाठ का अनुष्ठान भी करा सकते है इसमे आपके गोत्र और नाम के साथ पूरा अनुष्ठान कराया जाता है।
श्री नवचंडी पाठ यज्ञ-अनुष्ठान की बुकिंग कैसे करें?
श्री नव चंडी पाठ यज्ञ नवरात्रि में करने से एक साधारण पूजा महान अनुष्ठान बन जाती है। यह पूजा न सिर्फ आपकी समस्याओं का समाधान करता है बल्कि आपके जीवन में दिव्य शक्ति का संचार भी करता है। इस नवरात्रि, यदि आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक संतुलन लाना चाहते हैं, तो श्री नव चंडी पाठ यज्ञ का आयोजन अवश्य करें। नवचंडी पाठ बुक करने के लिए आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित सुरेश शर्मा जी से संपर्क करे।