भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए आप महाकाल नगरी उज्जैन में, शिप्रा नदी के घाट के पास 1500 किलो पारद से बने अद्भुत शिवलिंग पर अभिषेक करवा सकते हैं। अभी पंडित जी से संपर्क करें और अपनी इच्छित रुद्राभिषेक पूजा के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

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Rudrabhishek Puja in Ujjain

रुद्राभिषेक पूजा क्या होती है?

रुद्राभिषेक शब्द दो प्रमुख तत्वों से बना है—”रुद्र” और “अभिषेक”। रुद्र शब्द भगवान शिव के उग्र रूप को व्यक्त करता है, जबकि अभिषेक का अर्थ है देवता को स्नान कराना। इस अनुष्ठान में भगवान शिव पर विभिन्न पवित्र सामग्रियों जैसे दूध, जल, घी, बेलपत्र और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। रुद्राभिषेक का उद्देश्य भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त करना, नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करना और सुख, समृद्धि तथा शांति का आशीर्वाद प्राप्त करना है। इसे “नमक चमक” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह आत्मिक और भौतिक समृद्धि का स्त्रोत माना जाता है।

रुद्राभिषेक पूजा का महत्व क्या है?

शास्त्रों के अनुसार, रुद्राभिषेक एक अत्यंत प्रभावशाली और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसके द्वारा भगवान शिव जल्दी ही प्रसन्न होते हैं। इस पूजा में भगवान शिव के रुद्र अवतार की विशेष पूजा और अभिषेक किया जाता है। रुद्राभिषेक से जीवन मे आ रहे समस्त दुखों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है। रुद्रोपनिषद में एक श्लोक है— “रुतम्-दुःखम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र:“, जिसका अर्थ है कि भगवान रुद्र (शिव के उग्र रूप) हमारे सभी कष्टों को शीघ्र समाप्त कर देते हैं।

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और जीवन की बाधाओं को दूर करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। महाकाल की कृपा और क्षिप्रा नदी की पवित्रता इस पूजा को एक आध्यात्मिक यात्रा बनाती है। यदि आप स्वास्थ्य, समृद्धि, या शांति की तलाश में हैं, तो आज ही ज्योतिषी से संपर्क करें, शुभ मुहूर्त चुनें, और उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा की बुकिंग करें।

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा की विधि क्या है?

यह पूजा पूर्णतः वैदिक पद्धति से, अनुभवी कर्मकांडी ब्राह्मणों द्वारा संपन्न की जाती है। पूजा व्यक्ति के नाम, गोत्र और उद्देश्य के अनुसार की जाती है।

रुद्राभिषेक के प्रमुख चरण:
  1. गणपति पूजन – पूजा की बाधाएं दूर करने के लिए

  2. संकल्प – आपकी कुंडली व नाम अनुसार पूजा का उद्देश्य लिया जाता है

  3. रुद्राभिषेक – शिवलिंग पर विभिन्न पवित्र द्रव्यों से अभिषेक: दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, गंगाजल, बेलपत्र, चंदन, पुष्प आदि

  4. रुद्र मंत्र जाप – ‘ॐ नमः शिवाय’ और श्री रुद्रम का पाठ

  5. आरती व प्रसाद वितरण

  6. दान एवं आशीर्वाद। 

लघुरुद्राभिषेक (नमक चमक रुद्राभिषेक) पूजा क्या होती है?

प्राचीन शास्त्रों के अनुसार, लघु रुद्री या लघु रुद्राभिषेक के द्वारा व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। रुद्राष्टाध्यायी में दस अध्याय होते हैं, जिनमें से रुद्राभिषेक के दौरान इनका पाठ किया जाता है। इनमें से आठवां अध्याय विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसे “नमक चमक” के नाम से जाना जाता है। नमक चमक का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। जब इस पाठ के 11 चरण पूरे होते हैं, तो इसे “एकादशिनी रुद्री” कहा जाता है। इसके बाद, एकादशिनी रुद्री के 11 पाठ पूरी करने पर इसे “लघु रुद्री” के रूप में पूरा किया जाता है, जो अत्यंत प्रभावी और फलदायी माना जाता है।

उज्जैन मे रुद्राभिषेक पूजा कराने से क्या लाभ मिलते है?

रुद्राभिषेक पूजा के कई अद्भुत लाभ होते हैं, जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक सुख की प्राप्ति में मदद करते हैं। यहां कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

  1. भगवान शिव की कृपा: रुद्राभिषेक से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में हर प्रकार के संकट और परेशानी से मुक्ति दिलाती है।

  2. दुखों का नाश: यह पूजा जीवन में चल रही समस्याओं और दुखों का नाश करती है। इससे व्यक्ति को मानसिक शांति और सुख-समृद्धि मिलती है।

  3. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: रुद्राभिषेक से घर और परिवार से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और वातावरण शुद्ध होता है।

  4. स्वास्थ्य लाभ: यह पूजा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी जाती है। यह शरीर में संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।

  5. धन-धान्य में वृद्धि: रुद्राभिषेक से आर्थिक संकट दूर होते हैं और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।

इस प्रकार, रुद्राभिषेक पूजा जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाने में एक महत्वपूर्ण साधन है।

उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध पारद शिवलिंग का रुद्राभिषेक कैसे कराये?

उज्जैन के महाकाल मंदिर से केवल 500 मीटर की दूरी पर स्थित सिद्ध आश्रम में विराजित है, विश्व का सबसे भारी पारे (पारद) से बना शिवलिंग, जिसका वजन लगभग 2500 किलोग्राम है। यह पारद शिवलिंग अत्यधिक दुर्लभ और पवित्र माना जाता है, और इसे शिव के विशेष रूप से प्रिय माना जाता है। इस अद्भुत शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की अनंत कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

पारद शिवलिंग पर रुद्राभिषेक से न केवल व्यक्तिगत समस्याएं समाप्त होती हैं, बल्कि यह पूजा घर और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करती है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की ओर भी अग्रसर करती है।

यदि आप इस विशेष शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना चाहते हैं, तो आप पंडित सुरेश शर्मा से संपर्क कर सकते हैं। वे इस पूजा अनुष्ठान को पूर्ण वैदिक पद्धति और धार्मिक आस्था के साथ सम्पन्न कराते हैं, ताकि आपको भगवान शिव की पूर्ण कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो।

उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध पारद शिवलिंग के रुद्राभिषेक मे कितना खर्च आता है?

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा का खर्च कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कि पूजा की विधि, सामग्री, पंडित जी की दक्षिणा, स्थान, और आपकी विशेष आवश्यकताएं। नीचे एक सामान्य खर्च का अनुमान दिया गया है:

पूजा का प्रकारखर्च (INR)विवरणसमय अवधि
सामान्य रुद्राभिषेक पूजा₹21002 ब्राह्मणों द्वारा भगवान शिव का अभिषेक (दूध, जल, शहद, घी, बेलपत्र से) किया जाता है।1 से 1.5 घंटे
विशेष रुद्राभिषेक पूजा₹5,1005 ब्राह्मणों द्वारा अभिषेक, मंत्र जाप और हवन किया जाता है।2 घंटे
लघु रुद्राभिषेक पूजा₹7,10011 ब्राह्मणों द्वारा भगवान शिव का अभिषेक, 121 बार रुद्र पाठ और हवन किया जाता है।5 से 6 घंटे
महाअ रुद्राभिषेक पूजा₹7,500100 ब्राह्मणों द्वारा भगवान शिव का अभिषेक, 11,000 बार रुद्र पाठ और हवन किया जाता है।5 से 6 घंटे

यह तालिका रुद्राभिषेक पूजा के प्रकार, उनके खर्च और समय की अवधि को दर्शाती है।

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा क्यों विशेष मानी जाती है?

उज्जैन, जिसे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की नगरी कहा जाता है, भगवान शिव का परम और प्रिय शक्तिपीठ है। यहां की दिव्यता, आध्यात्मिक ऊर्जा और पवित्रता रुद्राभिषेक को और भी प्रभावशाली बना देती है।

उज्जैन में रुद्राभिषेक करने के लाभ:

  • पूजा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के समीप होने के कारण तुरंत प्रभाव देती है

  • महाकाल की ऊर्जा के बीच किया गया अभिषेक नकारात्मकता को तुरंत दूर करता है

  • कुंडली दोष, ग्रह पीड़ा, पितृ दोष, आर्थिक संकट जैसे कई कष्टों से मुक्ति मिलती है

  • भगवान शिव की विशेष कृपा से मानसिक शांति और आत्मिक बल प्राप्त होता है

उज्जैन मे रुद्राभिषेक पूजा के लिए संपर्क करे!

पंडित सुरेश शर्मा जी द्वारा रुद्राभिषेक पूजा के लिए पूरे वर्षभर लोग आते हैं और अपनी समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करते हैं। यदि आप भी किसी दोष या परेशानी से जूझ रहे हैं और अपने रुके हुए कार्यों को सफल बनाना चाहते हैं, तो उज्जैन में पूजा करवाने के लिए पंडित जी से संपर्क करें। आप उन्हें अभी कॉल करके निशुल्क परामर्श ले सकते हैं।

रुद्राभिषेक पूजा उज्जैन FAQs

रुद्राभिषेक पूजा के लिए सावन और महाशिवरात्रि का समय सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इसके अलावा, सोमवार, प्रदोष व्रत, श्रावण मास, चतुर्दशी, अमावस्या, या व्यक्ति की जन्मपत्री में शिव से जुड़े ग्रहों के अशुभ प्रभाव होने पर भी यह पूजा अत्यंत फलदायी रहती है।

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ की जाती है। सबसे पहले गणेश पूजन और संकल्प कराया जाता है। इसके बाद पंडित जी “रुद्र” और “चमक” के मंत्रों के साथ अभिषेक करते हैं। आरती और प्रसाद वितरण के साथ पूजा संपन्न होती है।

हाँ, उज्जैन में खासकर सावन और महाशिवरात्रि के समय भक्तों की भीड़ अधिक होती है। इसलिए समय पर पूजा कराने के लिए कम से कम 5-7 दिन पहले बुकिंग करना सही रहता है।

पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर), गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, भस्म, फल, पुष्प, और प्रसाद, कपड़ा और अन्य पूजन सामग्री। यह सामग्री पंडित जी द्वारा ही उपलब्ध कराई जाती है।