उज्जैन को अन्य तीर्थों से तिल भर बड़ा होने का गौरव प्राप्त है, इसीलिए यहां की गई कोई भी पूजन जैसे महामृत्युंजय जाप, कालसर्प दोष निवारण पूजा, मंगल दोष शांति पूजा, अंगारक दोष शांति पूजा, गुरु चांडाल दोष पूजा, नवग्रह शांति पूजा आदि करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पूर्वजन्म के किसी श्राप या अपराध के दंड फलस्वरूप व्यक्ति की जन्म कुंडली मे काल सर्प योग दोष बनता है। इस कारण जातक का कोई भी काम सफल नहीं होता है।
जिस व्यक्ति की जन्मकुंडली मे मंगल दोष होता है, तो उस व्यक्ति के विवाह मे बहुत ज्यादा समस्या आती है।मांगलिक व्यक्ति को मंगलवार के दिन पुजा करना चाहिए।
अकाल मृत्यु के भय से बचने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप बहुत ही लाभदायक माना जाता है। यह मंत्र भगवान शिव द्वारा ही निर्मित है ।
जब ब्रहस्पति और राहू मे कोई संबंध होता है तब चांडाल दोष बनता है। इस योग मे जातक अपने ही गुरु से ईर्ष्या करने लगता है।
कुम्भ विवाह पुजा मे वर या वधू की शादी पहले किसी घड़े से की जाती है, शादी के पश्चात उस घड़े को तोड़ दिया जाता है। ऐसा करने से मंगल दोष प्रभावहीन हो जाता है।
आपके घर मे अगर रोज लड़ाई -झगड़े गृह क्लेश होते है तो हो सकता है, आपके घर मे वास्तु दोष हो। इसे दूर करने के लिए आपको वास्तु दोष पुजा करवानी चाहिए।
अगर आप भगवान शिव को प्रसन्न कर मनचाहा वरदान प्राप्त करना चाहते है तो आपको भगवान शिव के रुद्र अवतार की पूजा करनी चाहिए।
शत्रुओ पर विजय पाने के लिए माँ बगला मुखी की पुजा उपासना करना बहुत ही फलदायक माना जाता है। माँ बगलामुखी को सत्ता की देवी भी कहा जाता है।
जन्म के समय नवग्रहों की जो स्थिति होती है उसका प्रभाव हमारे भाग्य और नियति पर भी पड़ता है। इन नवग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए नवग्रह पुजा करवाना चाहिए।
अगर आप ऊपर दिये गए किसी भी दोष से परेशान है और उससे मुक्ति प्राप्ति हेतु पूजा कराना चाहते है तो आप भी पंडित श्री सुरेश शर्मा जी को कॉल करके अपनी परेशानी बता सकते है और उससे मुक्ति हेतु उज्जैन महाकालेश्वर धाम मे पूजा बुक करा सकते है।