अंगारक दोष पूजा उज्जैन

उज्जैन में अंगारक दोष पूजा एक शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान है जो आपके जीवन से ज्योतिषीय बाधाओं को हटाकर शांति, समृद्धि, और सुख लाता है। वैदिक पद्धति से पूजा सम्पन्न कराने हेतु अभी पंडित जी से संपर्क करे और अपनी पूजा बुक करें। 

अंगारक दोष क्या होता है?

ज्योतिष शास्त्र मे अंगारक दोष को एक खतरनाक और अशुभ दोष माना जाता है, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली मे मंगल गृह का संबंध राहू या केतू मे से किसी एक के साथ स्थान अथवा दृष्टि से हो जाए तो कुंडली मे अंगारक दोष बनता है। अंगारक दोष के कारण व्यक्ति का स्वभाव आक्रामक, नकारात्मक और अत्यधिक हिंसक हो जाता है। इस दोष के दुष्प्रभाव मे आने वाले जातको को अपने ही भाइयो, मित्रो और रिश्तेदारों से संबंध खराब हो जाते है। 

Angarak Dosh Kya hota hai

अंगारक दोष पूजा के दुष्प्रभाव क्या है?

अंगारक दोष के दुष्प्रभाव निम्नलिखित है- 

  • चतुर्थ भाव में अंगारक योग होने से माता को दुख व भूमि संबंधित विवाद होते हैं।
  • अंगारक दोष के कारण जातक को वैवाहिक जीवन से संबन्धित समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
  • अंगारक दोष के कारण  व्यक्ति बहुत अधिक गुस्सैल होता हुआ नजर आता है।
  • जातक नकारात्मक चीजों की तरफ दिमाग लगाता हुआ नजर आता है।
  • अंगारक दोष के दुष्प्रभाव के कारण जातक का स्वभाव आक्रामक, हिंसक तथा नकारात्मक हो जाता है।
  • अंगारक दोष से पीड़ित व्यक्ति के संबंध अपने ही भाइयो और रिश्तेदारों से खराब हो जाते हैं।

अंगारक दोष निवारण के उपाय कौन-कौन से है?

अंगारक दोष पूजा के प्रभाव को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय करें:

  • मंगल और हनुमान मंत्र जाप: “ॐ अं अंगारकाय नमः” और “ॐ हं हनुमते नमः” मंत्रों का 108 बार जाप करें, विशेषकर मंगलवार को।

  • हनुमान चालीसा पाठ: प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें।

  • मूंगा दान: मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए मूंगा रत्न या लाल कपड़ा दान करें।

  • महामृत्युंजय मंत्र: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” मंत्र का 108 बार जाप करें, विशेष रूप से भौम प्रदोष पर।

  • मंगलवार व्रत: मंगल ग्रह को शांत करने के लिए मंगलवार का व्रत करें और हनुमान मंदिर में तेल का दीपक जलाएं।

अंगारक दोष पूजा क्या होती है?

अंगारक दोष निवारण पूजा एक वैदिक अनुष्ठान है जो की अंगारक दोष को जड़ से खत्म करने के लिए की जाती है। अंगारक दोष से पीड़ित व्यक्ति को अंगारक दोष पूजा अवश्य करवानी चाहिए, इस पूजा की मदद से व्यक्ति की कुंडली मे से अंगारक दोष पूर्ण रूप से खत्म हो जाता है और व्यक्ति के जीवन मे दोबारा सकारात्मकता आ जाती है।

अंगारक दोष पूजा मे कलश और पंच देवताओ अर्थात शिव जी, गणेश जी, मातृका, नवग्रह और प्रधान -देवता की पूजा की जाती है। पूजा मे मंगल दोष को शांत करने वाले मंत्र का (1000 बार) और केतू बीज मंत्र का (1700 बार) जाप किया जाता है। इसके पश्चात हवन अनुष्ठान किया जाता है। इस हवन अनुष्ठान मे भगवान मंगल और केतु के मंत्रो का जाप करते हुये घी, तिल और जौ अग्नि को अर्पित की जाएगी।

Angarak Dosh Puja Ujjain

उज्जैन मे अंगारक दोष पूजा की वैदिक पूजा-विधि कौन सी है?

उज्जैन में अंगारक दोष पूजा एक महत्वपूर्ण वैदिक अनुष्ठान है, जो अनुभवी पंडितों द्वारा 2-4 घंटे में संपन्न किया जाता है। इसकी प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:

  1. संकल्प: पूजा की शुरुआत भगवान गणेश और माता गौरी की पूजा के साथ होती है, जिसमें पंडित आपके नाम, गोत्र, और पूजा के उद्देश्य का उल्लेख करते हैं।

  2. मंगल और राहु-केतु पूजा: मंगल ग्रह और राहु-केतु को प्रसन्न करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है, जैसे “ॐ अं अंगारकाय नमः” और “ॐ नमः राहवे”।

  3. हनुमान पूजा: हनुमान जी, जो मंगल ग्रह के अधिपति माने जाते हैं, की पूजा की जाती है। हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ भी किया जाता है।

  4. रुद्राभिषेक: भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है, जिसमें शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, और जल चढ़ाया जाता है।

  5. हवन: लाल चंदन, घी, और काले तिल के साथ हवन किया जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करता है।

  6. क्षिप्रा नदी में विसर्जन: पूजा के अंत में सामग्री को क्षिप्रा नदी में विसर्जित किया जाता है, जो अनुष्ठान को पूर्ण करता है।

उज्जैन अंगारक दोष पूजा के लिए एक आदर्श और आध्यात्मिक स्थान क्यों माना जाता है?

उज्जैन, मध्य प्रदेश में स्थित, भारत के सात पवित्र शहरों में से एक है, जो अपने आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। अंगारक दोष पूजा के लिए उज्जैन को आदर्श स्थान माना जाता है, उज्जैन के प्राचीन श्री अंगारेश्वर महादेव मंदिर मे यह पूजा मुखतः कराई जाती है और इसके पीछे कई कारण हैं:

  • महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की दिव्य शक्ति: बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक, महाकालेश्वर का स्वयंभू लिंग नकारात्मक ग्रह प्रभावों को नष्ट करने के लिए जाना जाता है। मंगल ग्रह से संबंधित दोषों के लिए भगवान शिव की पूजा अत्यंत प्रभावी है।

  • क्षिप्रा नदी की पवित्रता: पूजा से पहले क्षिप्रा नदी में स्नान करना आत्मा को शुद्ध करता है और अनुष्ठान की शक्ति को बढ़ाता है। पूजा सामग्री का विसर्जन भी इसी नदी में किया जाता है।

  • हनुमान मंदिरों का महत्व: उज्जैन में कई हनुमान मंदिर हैं, जैसे चिंतामन गणेश मंदिर के पास का हनुमान मंदिर, जो मंगल ग्रह से संबंधित दोषों को शांत करने के लिए प्रसिद्ध है।

  • वैदिक पंडितों की विशेषज्ञता: उज्जैन के पंडित वैदिक मंत्रों और परंपराओं के साथ पूजा करते हैं, जो इसे प्रामाणिक और शक्तिशाली बनाता है।

अंगारक दोष पूजा मे कितना खर्च आता है?

अगर आप उज्जैन नगरी मे अंगारक दोष पूजा सम्पन्न कराते है तो इसमे आपका 2500 से 3500 रुपये तक का खर्च आ सकता है जिसमे आपकी सम्पूर्ण पूजा सामग्री सहित सम्पन्न हो जाएगी। अगर आपको अंगारक दोष पूजा खर्च के बारे मे और अधिक जानकारी चाहिए तो आप ज्योतिष सुरेश शर्मा जी से संपर्क कर सकते है।

अंगारक दोष पूजा के लाभ कौन-कौन से है?

उज्जैन में अंगारक दोष पूजा करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं:

  • वैवाहिक सुख: विवाह में देरी या रिश्तों में तनाव कम होता है, और दांपत्य जीवन में प्रेम और सुख-समृद्धि आती है।

  • स्वास्थ्य सुधार: रक्तचाप, चोट, और अन्य मंगल-संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं में राहत मिलती है।

  • आर्थिक स्थिरता: वित्तीय नुकसान कम होता है और धन लाभ के अवसर बढ़ते हैं।

  • मानसिक संतुलन: क्रोध और आक्रामकता कम होती है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता में सुधार आता है।

  • करियर में प्रगति: नौकरी और व्यवसाय में बाधाएं दूर होती हैं, और सफलता के नए रास्ते खुलते हैं।

उज्जैन मे अंगारक दोष शांति पूजा के लिए अभी संपर्क करे

उज्जैन के अनुभवी पंडित सुरेश शर्मा जी से संपर्क करें, और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव का अनुभव करें। आज ही अपनी पूजा बुक करें और उज्जैन की पवित्र भूमि पर एक नई शुरुआत करें। अंगारक दोष पूजा हेतु वर्ष भर लोग आते है और अपनी परेशानियों से मुक्ति पाते है। 

अंगारक दोष पूजा उज्जैन – FAQs

हाँ, वैदिक ज्योतिष के अनुसार, अंगारक दोष पूजा के प्रभाव से विवाह में आ रही देरी या वैवाहिक जीवन की समस्याओं का समापन किया जा सकता है। इस पूजा के माध्यम से वैवाहिक जीवन में खुशहाली और रिश्तो में मधुरता अति है। 

जरूरी नहीं, लेकिन शुभ फल के लिए पूजा के दिन उपवास या फलाहार करना बेहतर होता है। आओ अधिक जानकारी के लिए पूजा पंडित से संपर्क करें और पूजा के विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। 

अंगारक दोष पूजा की लागत सामान्यतः ₹2,000 से ₹5,000 तक होती है। यह पूजा खर्च पंडित जी के अनुभव, पूजा की सामग्री, विधि और अनुष्ठान की अवधि पर निर्भर करता है।

  • मंगल बीज मंत्र:
    “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”

  • राहु बीज मंत्र:
    “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”