श्रापित दोष शांति पूजा उज्जैन
श्रापित दोष केवल ज्योतिषीय स्थिति नहीं, यह एक आध्यात्मिक संकेत है। यदि आप इस दोष से परेशान है तो आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित सुरेश शर्मा जी से नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करे और अपनी पूजा बुक करे।
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श्रापित दोष क्या होता है?
श्रापित दोष, जिसे कभी-कभी श्रापित योग भी कहा जाता है, एक वैदिक ज्योतिषीय स्थिति है जो तब बनती है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि और राहु एक ही भाव में एक साथ आते हैं। यह दोष पिछले जन्मों के कर्मों, पितृ दोष, या किसी श्राप के कारण उत्पन्न हो सकता है। श्रापित शब्द का अर्थ है शापग्रस्त, यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है।
हिंदू ज्योतिष शास्त्र में श्रापित दोष को एक अत्यंत गंभीर और गूढ़ योग माना जाता है, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ ग्रहों पर अशुभ ग्रहों का अत्यधिक प्रभाव हो या कोई ग्रह (जैसे राहु, केतु, शनि) शुभ ग्रहों के साथ या दृष्टि में हो तो यह श्रापित दोष का संकेत है।
यह योग दर्शाता है कि व्यक्ति के जीवन में किसी पूर्व जन्म के पाप, किए गए अधर्म, या पूर्वजों द्वारा किए गए गलत कर्मों के कारण वर्तमान जन्म में जीवन बाधाओं से ग्रसित होता है।
श्रापित दोष के लक्षण– कैसे पहचानें कि आप इस दोष से प्रभावित हैं?
यदि आपकी कुंडली में श्रापित दोष है, तो निम्नलिखित लक्षण देखने को मिल सकते हैं:
बार-बार मेहनत करने के बाद भी असफलता
संतान सुख में बाधा या संतान से कष्ट
विवाह में विलंब या वैवाहिक जीवन में तनाव
व्यवसाय या नौकरी में बार-बार हानि
लंबे समय तक बीमारी या शारीरिक दुर्बलता
मानसिक अशांति और अनचाहा डर
धार्मिक कार्यों में मन न लगना या बाधाएं आना।
श्रापित दोष के प्रभाव को कम करने के लिए सबसे प्रभावी उपाय है वैदिक अनुष्ठान, विशेष रूप से उज्जैन में की जाने वाली श्रापित दोष पूजा, अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। यह पूजा न केवल दोष के प्रभाव को कम करती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि भी लाती है।
उज्जैन में श्रापित दोष निवारण पूजा का क्या महत्व है?
उज्जैन में श्रापित दोष पूजा एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुष्ठान है जो आपके जीवन से बाधाओं को हटाकर शांति और समृद्धि लाता है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पवित्र भूमि और क्षिप्रा नदी की शक्ति इस अनुष्ठान को और भी अधिक प्रभावी बनाती है। उज्जैन में श्रापित दोष पूजा एक जटिल और शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान है, जो अनुभवी पंडितों द्वारा 2-4 घंटे में संपन्न किया जाता है।
उज्जैन में श्रापित दोष निवारण पूजा-विधि क्या है?
संकल्प और गोत्र उच्चारण – श्रद्धालु का नाम, गोत्र और दोष का उद्देश्य लेकर पूजा की शुरुआत होती है।
ग्रह शांति पूजा – जिस ग्रह के कारण दोष बना है उसकी विशेष शांति करवाई जाती है (शनि, राहु, केतु आदि)।
पितृ शांति एवं तर्पण – पूर्वजों के श्राप के कारण दोष हो तो पिंडदान, तर्पण और पितृ शांति अनिवार्य होती है।
श्राप मुक्ति हेतु विशेष हवन – दुर्भाग्य एवं अभिशाप निवारण के लिए विशेष यज्ञ और हवन किया जाता है।
दक्षिणा एवं दान पूजन – अंतिम चरण में ब्राह्मणों और गरीबों को दान दिया जाता है, जिससे दोष का प्रभाव शांत होता है।
उज्जैन क्यों है श्रापित दोष पूजा के लिए सबसे प्रभावशाली स्थान?
उज्जैन, जहां भगवान महाकाल स्वयं काल और कर्म दोनों के स्वामी हैं, वहां श्रापित दोष जैसी अदृश्य और गंभीर सांस्याओं को शांत करने के लिए सबसे सर्वोत्तम स्थान माना जाता है। उज्जैन की तांत्रिक, वैदिक और शिव ऊर्जा विशेष रूप से ऐसे दोषों के निवारण में सहायक होती है।
उज्जैन की विशेषता:
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की कृपा
अनुभवी पंडितों द्वारा विधिवत पूजा
ग्रहों, पितृ और पूर्वजों की शांति हेतु समर्पित प्रक्रिया
शमशान भूमि और तांत्रिक विधियों का समावेश, जहाँ श्राप मुक्ति संभव मानी जाती है
श्रापित दोष पूजा से मिलने वाले लाभ कौन-कौन से है?
जीवन में बार-बार आने वाली रुकावटें दूर होती हैं
मानसिक शांति और आत्मबल में वृद्धि होती है
विवाह, संतान, करियर में आ रही परेशानिया कम होती हैं
पूर्वजों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है
धर्म और पुण्य के मार्ग में मन लगता है
आध्यात्मिक रूप से व्यक्ति सशक्त होता है
उज्जैन में श्रापित दोष पूजा में कितना खर्च आता है?
उज्जैन में श्रापित दोष पूजा की लागत पंडित जी, पूजा के प्रकार, स्थान पर निर्भर करती है। पूजा की सटीक लागत जानने के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित सुरेश शर्मा जी से संपर्क करें। पूजा का अनुमानित खर्च निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है:
सामान्य पूजा: 2,100 रुपये से 5,100 रुपये (एक पंडित द्वारा, मंदिर या राम घाट पर)।
विशेष पूजा: 5,500 रुपये से अधिक हो सकता है। (एकाधिक पंडितों द्वारा, अधिक मंत्र जाप के साथ)।
श्रापित दोष पूजा के लिए शुभ तिथियां और मुहूर्त क्या है?
श्रापित दोष पूजा तब और अधिक प्रभावी हो जाती है, जब इसे शुभ तिथियों और मुहूर्त में किया जाए। 2025 में निम्नलिखित तिथियां और मुहूर्त विशेष रूप से शुभ हैं:
नागपंचमी 2025: संभावित रूप से अगस्त 2025 को। यह दिन राहु और शनि के प्रभाव को शांत करने के लिए अत्यंत शुभ है।
महाशिवरात्रि 2025: फरवरी 2025, सुबह 7:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक। भगवान शिव की पूजा के लिए यह दिन विशेष रूप से प्रभावी है।
सावन मास (जुलाई-अगस्त 2025): यह मास भगवान शिव को समर्पित है। सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक (राहु काल को छोड़कर) पूजा के लिए शुभ समय है।
उज्जैन में श्रापित दोष पूजा बुकिंग के लिए अभी संपर्क करे
उज्जैन में श्रापित दोष निवारण पूजा के लिए वर्ष भर लोग आते है और अपनी परेशानियों से मुक्ति पाते है, यदि आप श्रापित दोष या अन्य किसी दोष से परेशान है तो आज ही उज्जैन के श्रेष्ठ पंडित सुरेश शर्मा जी से संपर्क करें और अपनी पूजा बुक करें।
FAQS श्रापित दोष पूजा
शनि और राहु की युति, पितृ दोष या पूर्वजों की अशांति, पिछले जन्म में किए गए कर्म, किसी को दिए या पाए गए श्राप, नीच ग्रहों की युति या अशुभ दृष्टि।
यह दोष व्यक्ति के जीवन में रुकावट, संघर्ष, मानसिक तनाव, आर्थिक संकट, संतान संबंधी परेशानियाँ और पारिवारिक विवाद पैदा करता है। कई बार यह जीवन में बड़े-बड़े उतार-चढ़ाव का कारण भी बनता है।
श्रापित दोष की स्थिति में ग्रहों की अशुभता अत्यधिक बढ़ जाती है। ऐसे में वैदिक विधि से की गई श्रापित दोष पूजा ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को शांत करती है और जीवन में शांति, सुख और समृद्धि लाती है।
विवाह, संतान या करियर में समस्या हो, ज्योतिषीय परामर्श के अनुसार ग्रह दशा प्रतिकूल हो। अमावस्या, पूर्णिमा, ग्रहण, महाशिवरात्रि या विशेष मुहूर्त पर।